ऑगमेंटेड रिएलिटी (AR), रोजमर्रा की ज़िंदगी का आम हिस्सा बनता जा रहा है. कुछ समय से इसे किसी खास तरह की साई-फ़ाई फ़िल्म को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है, जैसे कि टर्मिनेटर सीरीज़ और मॉनिट्री रिपोर्ट जो हेडसेट डिसप्ले और हॉलोग्राफ़िक टर्मिनल में पूरी जानकारी दिखाता है. हालांकि यह जल्दी है और थोड़ा दिखावा है, लेकिन AR अब रोजमर्रा की ज़़िंदगी में इस्तेमाल किया जा रहा है.
IKEA, वर्चुअल फ़ोटोग्राफ़ी के ज़रिए उसके कैटलॉग की कई इमेज बनाता है; अब ग्राहक अपने AR अनुभव के आधार के तौर पर इन इमेज को इस्तेमाल करते हैं. जैसे 3D इमेज को अपने आस-पास की असल दुनिया में देखना ताकि यह जाना जा सके कि वह कैसा दिखता है और कैसा महसूस होता है. उदाहरण के लिए, फ़र्नीचर के एक टुकड़े का फ़िट होना. इसी तरह Amazon में कई प्रॉडक्ट ऐसे मौजूद हैं जिन्हें AR में भी देखा जा सकता है. साथ ही, AR सिर्फ़ रीटेल तक सीमित नहीं है; जर्नलिस्ट और The New York Times जैसे न्यूज़ ऑर्गनाइज़़ेशन में असरदार और गहराई के साथ न्यूज़ दिखाने के लिए AR का इस्तेमाल किया जा रहा है. AR को क्लासरूम में मेडिकल की पढ़ाई और मिलेट्री ट्रेनिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
इस लाजवाब टेक्नोलॉजी के बहुत सारे इस्तेमाल हैं. साइंस के असल फ़ैक्ट, हॉलिवुड के साइंस फ़िक्शन से आगे निकल गया है.
हलांकि, आज जो AR का अनुभव मिला वह इसकी क्षमता के मुकाबले कुछ भी नहीं. AR ऐप्लिकेशन डिवाइस की दुनिया को समझता है. इस वजह से वह डिजिटल टेक्स्ट, इमेज, और आवाज़ों की मदद से असल दुनिया को ऑग्मेंट करता है. बेहतरीन AR अनुभव इंटरैक्टिव, कनेक्टेड, मल्टीमीडिया कॉन्टेंट और असल दुनिया की पूरी गहराई के साथ डिजिटल जानकारी को अच्छे से एक साथ इस्तेमाल करता है.
Adobe में AR के फ़ैलो और हेड, स्टेफ़ानो कोर्राज़ा का कहना है, "AR वह तरीका है जिससे तकनीक हमारे जीवन के हर पहलू में अच्छे से एक साथ इस्तेमाल होगी ताकि हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिल सके".