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PREMIERE PRO के फ़ीचर्स

Adobe Premiere Pro में AI की मदद से एडिटिंग वाले कामों की रफ़्तार बढ़ाएँ।

कॉम्प्लेक्स कामों को आसान बनाने व एडिटिंग की रफ़्तार बढ़ाने के लिए Premiere Pro में AI की सारी सभी खूबियाँ मौजूद हैं। और इस साल आ रहे जेनरेटिव AI टूल्स के साथ आने वाला वक्त और बेहतर होने वाला है।

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इस साल नए-नए जेनरेटिव AI फ़ीचर्स आने वाले हैं।

हम Premiere Pro में कई तरह के नए जेनरेटिव AI फ़ीचर्स लेकर रहे हैं। जल्द ही, आपके लिए बिना किसी रुकावट फ़्रेम्स जोड़ना व क्लिप्स को लंबा बनाना आसान हो जाएगा और साथ ही, किसी शॉट के बैकग्राउंड में ऑब्जेक्ट्स जोड़ने या हटाने में भी आसानी होगी।
https://main--cc--adobecom.hlx.page/cc-shared/fragments/modals/videos/products/premiere/sneaks-video#sneak | New generative AI features in Adobe Premiere Pro | :play:

Premiere Pro के आने वाले फ़ीचर्स।

जेनरेटिव एक्सटेंड

बेहतरीन एडिट के लिए बेहद आसानी से फ़्रेम्स जोड़ें और क्लिप्स को लंबा बनाएँ। बिलकुल सटीक लेंग्थ वाला ट्रांज़िशन जोड़ने, J और L कट्स डालने, व अपनी रफ़्तार पर चीज़ें बनाने के मकसद से क्लिप को एक्सटेंड करने के लिए क्लिक एंड ड्रैग करें। ऑडियो एडिट्स को स्मूथ बनाने के मकसद से ऐमबिएंट “रूम टोन” क्रिएट करने के लिए ऑडियो के “साइलेंट” हिस्से एक्सटेंड भी किए जा सकते हैं।

ऑब्जेक्ट जोड़ना

प्रॉडक्शन खत्म होने के बाद अपनी फ़ुटेज में AI से जेनरेट किए गए एलिमेंट्स डालें। एक आसान से टेक्स्ट प्रॉम्प्ट की मदद से, शॉट का लैंडस्केप बदला जा सकता है या सीन में मौजूद प्रॉप्स की जगह कुछ और डाला जा सकता है। बैकग्राउंड में किसी शहर या माउंटेन रेंज का खूबसूरत नज़ारा डालें और साथ ही, ट्रैश कैन जैसी चीज़ों को मेलबॉक्स में बदलें।

ऑब्जेक्ट हटाना

वीडियो एडिट करते समय VFX के काम की रफ़्तार बढ़ाने के लिए अपनी क्लिप्स में से अनचाहे ऑब्जेक्ट्स आसानी से हटाएँ। जेनरेटिव AI की मदद से, टेक में से बूम माइक्स, लाइट स्टैंड्स, और एक्स्ट्राज़ हटाए जा सकते हैं ये ब्रैंडिंग से जुड़ी दिक्कतों से बचने के लिए लोगो या लाइसेंस प्लेट्स जैसी चीज़ें मिटाएँ।

AI की मदद से काम करने वाले वीडियो एडिटिंग टूल्स अब Premiere Pro में उपलब्ध हैं।

AI के आने से फ़िल्म और वीडियो बनाने के तौर-तरीकों में बड़े बदलाव आ रहे हैं। अब ट्रांसक्रिप्शन, एडिटिंग, कलर, ऑडियो, कैप्शनिंग, और डिलीवरी वाले कामकाज ज़्यादा तेज़ी से पूरे किए जा सकते हैं। चाहे आपको छोटे सोशल वीडियोज़ पर काम करना हो या किसी फ़िल्म पर, Adobe Sensei की मदद से काम करने वाली AI फ़ंक्शनैलिटी एडिटिंग के काम में आपका समय बचाएगी और आपको क्रिएटिव होने के नए-नए तरीके दिखाएगी।

ट्रांस्क्रिप्ट्स क्रिएट करने, कलर लेवल्स बदलने, ऑडियो में फेरबदल करने, और सोशल चैनल्स के लिए वीडियोज़ रीफ़्रेम करने जैसे थकाऊ कामों पर कम समय लगाएँ और उनकी जगह अपना समय नए-नए आइडियाज़ के बारे में सोचने व शानदार वीडियो प्रॉजेक्ट्स की मदद से कहानियाँ बुनने पर दें।

टेक्स्ट-आधारित एडिटिंग की मदद से शुरुआती एडिटिंग करके पहला वर्शन तेज़ी से क्रिएट करें।

ट्रांसक्रिप्ट अपने आप तैयार होने की सुविधा चालू करें, अपनी टाइमलाइन में क्लिप्स जोड़ने के लिए टेक्स्ट हाईलाइट करें, फिर किसी टेक्स्ट डॉक्युमेंट को एडिट करने के अंदाज़ में ही क्लिप्स को रिफ़ाइन करें, उनका ऑर्डर बदलें, और उन्हें ट्रिम करें। और ज़्यादा रिफ़ाइन करने के लिए, एक साथ बड़े पैमाने पर डिलीट करने की सुविधा इस्तेमाल करके अजीब लगने वाले सभी पॉज़ेज़ एक साथ हटाएं और अनचाहे फ़िलर वर्ड को हटाने के लिए फ़िलर-वर्ड डिटेक्शन का इस्तेमाल करें।

AI ऑडियो कैटेगरी टैगिंग

AI अपने आप पहचान लेता है कि आपकी क्लिप्स म्यूज़िक, डायलॉग, साउंड इफ़ेक्ट, या एम्बिएंस में से क्या हैं और उसी के हिसाब से एक इंटरैक्टिव बैज जोड़ देता है। बस उस बैज पर क्लिक करें और उस तरह की ऑडियो के लिए सबसे काम वाले टूल्स का फ़ौरन ऐक्सेस पाएँ।

स्पीच-टू-टेक्स्ट

कैप्शन्स और ट्रांसक्रिप्ट्स तैयार करना खर्चीला हुआ करता था और इनमें काफ़ी वक्त भी लगता था। अब ये काम स्पीच टू टेक्स्ट की मदद से सिर्फ़ एक क्लिक में किए जा सकते हैं। यह फ़ीचर अपने आप 18 से ज़्यादा भाषाओं में सटीक ट्रांस्क्रिप्ट्स जेनरेट करता है, अलग-अलग स्पीकर्स के बीच में फ़र्क कर लेता है, और वीडियो की लय-ताल व स्पीच पैटर्न्स से मेल खाने वाले कैप्शन्स तैयार करता है। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स बिना किसी साउंड वाले कॉन्टेंट देखते हैं। ऐसे में, कैप्शन डालने से वीडियोज़ ज़्यादा ऐक्सेसिबल व दिलचस्प हो जाते हैं।

स्पीच एन्हांस करें

अपने डायलॉग साउंड को प्रोफ़ेशनल स्टूडियो में की गई रेकॉर्डिंग के जैसा बनाने के लिए, AI की मदद से काम करने वाले एन्हांस स्पीच (बीटा) का इस्तेमाल करके ध्यान भटकाने वाले बैकग्राउंड शोर को हटाएँ और बातचीत की क्वालिटी बेहतर बनाएँ।

सीन एडिट डिटेक्शन

जब किसी लंबे वीडियो में नया एडिट करना हो, तो सबसे पहले उसे छोटी-छोटी ओरिजिनल क्लिप्स में वापस अलग-अलग करना होता है। मैन्युअल ढंग से सीन ट्रांज़िशन्स ढूँढ़ना और ये कट्स अप्लाई करना मुश्किल हो सकता है, ऐसे में सीन एडिट डिटेक्शन की मदद से Premiere Pro सीन्स को अपने आप काट देता है। अपनी टाइमलाइन में किसी क्लिप पर राइट-क्लिक करें, फिर सीन एडिट डिटेक्शन को चुनें, और तय करें कि आपको कट्स अप्लाई करने हैं, सब-क्लिप्स की एक नई बिन बनानी है, या हर कट पॉइंट पर क्लिप मार्कर्स डालने हैं।

ऑटो कलर

स्मार्ट ऑटो कलर फ़ीचर्स की मदद से कुछ ही क्लिक्स में कलर करेक्शन्स अप्लाई करें। एक्सपोज़र, कॉन्ट्रास्ट, और वाइट बैलेंस जैसे ज़रूरी करेक्शन्स अब और तेज़ी से करें। कुछ ही सेकंड्स में अपनी फ़ुटेज पॉलिश करें। फिर, क्रिएटिव कलर ग्रेडिंग का काम शुरू करें।

और भी AI फ़ीचर्स देखें।

मॉर्फ़ कट

कलर मैच

रीमिक्स

अपने साउंडट्रैक और विज़ुअल्स का तालमेल बनाए रखें। एडिट करते हुए वीडियो और म्यूज़िक की टाइमिंग मैच कराने के लिए म्यूज़िक को रीटाइम करें। वीडियो और ऑडियो को मैन्युअल रूप से सिंक करने में घंटों का समय खर्च करने के बजाय AI की ताकत का इस्तेमाल करें और स्क्रीन पर दिखने वाले विज़ुअल्स व स्पीकर्स से बाहर आ रही आवाज़ में तालमेल बनाए रखें और ऐसा करते हुए साउंडट्रैक के असर में भी कोई कमी न आने दें।

ऑटो डकिंग

पक्का करें कि डायलॉग और बैकग्राउंड ऑडियो में बिलकुल सही तालमेल हो। जब भी कोई बोल रहा हो, तब हर बार बैकग्राउंड साउंड लेवल्स को मैन्युअल रूप से एडजस्ट करने में बहुत समय लगता है। ऑडियो डकिंग अपने आप ऑडियो कीफ़्रेम्स तैयार कर देता है जो डायलॉग के समय म्यूज़िक व साउंड इफ़ेक्ट्स को कम कर देते हैं। फिर जब कोई बात नहीं कर रहा हो, तो यही फ़ीचर्स साउंडट्रैक को वापस भी ले आते हैं।

ऑटो रीफ़्रेम

कई कैमराज़ और डिवाइसेज़ के लिए एक हॉरिज़ॉन्टल 16:9 ऐस्पेक्ट रेश्यो आम तौर पर डिफ़ॉल्ट होता है। लेकिन सोशल प्लेटफ़ॉर्म्स पर वर्टिकल 9:16 ऐस्पेक्ट रेश्यो ज़्यादा पसंद किया जाता है। एक ऐस्पेक्ट रेश्यो से दूसरे में बदलने के लिए कीफ़्रेम मोशन एडिट्स करने पड़ सकते हैं, ताकि चलते-फिरते सब्जेक्ट्स फ़्रेम में दिखाई पड़ें और इस काम में काफ़ी समय लग जाता है। ऑटो रीफ़्रेम से यह दिक्कत दूर हो जाती है। यह शॉट्स के सबसे अहम पहलुओं की फ़ौरन पहचान कर लेता है और ऐस्पेक्ट रेश्यो बदलने पर भी उन्हें फ़्रेम के अंदर ही रखता है। यह उस समय खासकर काम आता है, जब आपने कोई बड़े साइज़ वाला वीडियो बनाया हो पर आपको Instagram जैसे किसी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर उसकी एक क्लिप स्क्वायर या टॉल ऐस्पेक्ट रेश्यो में फ़ॉर्मेट करके डालनी हो।

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