ऑगमेंटेड रिएलिटी क्या है?

ऑगमेंटेड रिएलिटी से मतलब है, कंप्यूटर से जेनरेट की गई जानकारी की मदद से असली दुनिया के अनुभवों को बेहतर बनाना. गेमिंग, शिक्षा, कला, डिज़ाइन, मैन्युफ़ैक्चरिंग, मार्केटिंग वगैरह में नई संभावनाएँ खोजें.

ऑगमेंटेड रिएलिटी हेडसेट इन्सान को एक वर्चुअल दुनिया में ले जाता है

ऑगमेंटेड रिएलिटी (AR) कैसे काम करती है.

AR आपके छूने, सूँघने और यहाँ तक कि स्वाद के अनुभव को सक्रिय कर सकता है हालाँकि यह आम तौर पर आपके देखने और सुनने के अनुभव को बेहतर बनाता है. वास्तविक दुनिया के आपके अनुभव को बेहतर बनाने के लिए वर्चुअल जानकारी का इस्तेमाल करने के मामले में AR वर्चुअल रिएलिटी (VR) से अलग है जो आपको बस एक 360-डिग्री वर्चुअल दुनिया में भेज देता है.

 

AR 3-डायमेंशन वाले वर्चुअल ऑब्जेक्ट को वास्तविक एनवायरन्मेंट के साथ मैप करके काम करता है. कुछ AR हेडसेट साफ़ लेंस के ऊपर वर्चुअल ऑब्जेक्ट दिखाते हैं जबकि कुछ हेडसेट दर्शक और वास्तविक दुनिया के बीच एक लाइव कैमरा फ़ीड रखते हैं. कंप्यूटर विज़न — वह प्रोग्रामिंग जो कैमरे द्वारा देखी जाने वाली चीज़ों की पहचान करने और उन्हें प्रोसेस करने के लिए कंप्यूटर को सक्षम बनाती है — यह 3D एनवायरन्मेंट को भी मायने देती है और इसमें डिजिटल फ़ीचर शामिल करती है. जैसे-जैसे यह डिजिटल कॉन्टेंट हमेशा की तुलना में ज़्यादा आसानी और भरोसे से रेंडर किया जाता है, यह वास्तविक दुनिया की प्रेरणा की तरह ही काम करता है.

 

AR डिवाइस कितनी तरह के होते हैं.

दर्शक की आँख और वास्तविक दुनिया के बीच डिजिटल कैमरा रखने के दो तरीके होते हैं:

एक डेस्क पर सिर पर लगाने वाला ऑगमेंटेड रिएलिटी डिवाइस
ऑगमेंटेड रिएलिटी डिवाइस को पहने एक आदमी को देखते अन्य लोग

आपके चेहरे पर एक डिवाइस (सिर पर लगाने वाला डिसप्ले).

आपकी आँखों के सामने एक स्क्रीन माउंट करने से आप अपने हाथों को खाली रखते हुए ऑगमेंटेड रिएलिटी का अनुभव ले सकते हैं. Google ने Glass की रिलीज़ के साथ 2013 में ऐसा किया था, लेकिन यह उन मायनों में असली AR नहीं था जैसा हम आज की तारीख में सोचते हैं. Glass ने एक आँख के सामने ही एक समतल डिसप्ले पर डिजिटल जानकारी दिखाई जबकि 3D इमेजरी ने एनवायरन्मेट के एक हिस्से के तौर पर दोनों आँखों के सामने डिवाइस सामने रखा. Google अभी भी मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थ केयर और अन्य इंडस्ट्री में इस्तेमाल के लिए Glass को उद्यमों के लिए संस्करण के तौर पर बेचता है. उनके वर्कफ़्लो में रुकावट डाले बगैर Glass पहनने वाले मैन्युअल, ट्रेनिंग वीडियो, डिज़ाइन संबंधी विशेषताएँ और खास तौर से बनाए गए ऐप ऐक्सेस कर सकते हैं.


गेमिंग और एंटरटेनमेंट के लिए Microsoft Hololens और Magic Leap One सबसे ज़्यादा मशहूर AR हेडसेट हैं. ये हेडसेट वास्तविक दुनिया के एनवायरन्मेंट को डिजिटल कॉन्टेंट के साथ ब्लेंड करने में दिनोदिन बेहतर होते जा रहे हैं. “जब आप Magic Leap पहनते हैं, यह कमरे को स्कैन करता है — लगभग रीयल टाइम में — और कमरे का एक रफ़ मॉडल बनाता है,” यह कहना है सेथ शॉफ़ का जो AR/VR की मशहूर प्रोडक्शन कंपनी Astronaut में इमर्सिव प्रोडक्शन के हेड हैं. “तो जब आप अपने एनवायरन्मेंट में ऑब्जेक्ट रखना शुरू करते हैं, तो उस अनुभव को वास्तविक दुनिया के साथ मैप करना आसान हो जाता है.” ये हेडसेट एनवायरन्मेंट के साथ जितना ज़्यादा इंटीग्रेट कर पाते हैं, जिसमें सोनिक एनवायरन्मेंट भी शामिल है(ताकि आप किसी एक खास पॉइंट से आने वाली आवाज़ को सुन पाते हैं), आपका अनुभव उतना ज़्यादा वास्तविक होता है.

 

कुछ डेवलपर ऐसी दुनिया की कल्पना करते हैं जिसमें हम सब हर वक्त स्मार्ट ग्लास या कॉन्टेक्ट लेंस पहनकर रहें लेकिन अभी हम वहाँ तक नहीं पहुँचे हैं. मौजूदा AR ग्लास थोड़े भारी होते हैं और उनकी बैटरी लाइफ़ भी सीमित होती है. एक समस्या यह भी है कि ग्लास पहनने वाले के देखने का एरिया बहुत सँकरा हो जाता है. यह स्थिति के प्रति उनकी जागरूकता को इस तरीके से सीमित कर देता है जो कि खतरनाक भी हो सकती है.

 

साथ ही, आपके वास्तविक दुनिया के विज़न पर 3D मॉडल ओवरले करने का तर्क समझना भी थकाऊ हो सकता है. फ़ाइटर पायलट को छह महीने की लगभग लगातार ट्रेनिंग के बाद ही पता चलता है कि अपने सिर पर लगे डिसप्ले को ओवरले की वजह से होने वाले भटकाव से बचते हुए कैसे इस्तेमाल किया जाए. Google के एडवांस टेक्नोलॉजी और प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट लीड एलेक्स कॉफ़मैन का कहना है, “टारगेटिंग रेटिकल के अलावा, वे AR का इस्तेमाल ज़्यादातर रात में लैंडस्केप देखने के लिए ही करते हैं”. “जब अन्य चीज़ों को देखना हो, तो ओवरले आपका ध्यान उन चीज़ों से भटका सकते हैं जिन पर आपका ध्यान होना चाहिए, जैसे कि अन्य हवाई जहाज़ या आपकी तरफ़ आती कोई मिसाइल.”

 

यह सवाल भी उठता है कि लोग अपनी रोज़ की ज़िंदगी में AR ग्लास पहनना चाहते हैं या नहीं. कॉफ़मैन आगे कहते हैं, “मैं ऐसी दुनिया में नहीं रहना चाहूँगा जहाँ मेरी यथार्थ दुनिया में दखलंदाज़ी की जा रही हो”. सैन फ़्रैंसिस्को की कुछ बार (bar) के मालिक भी नहीं चाहते कि उनके संरक्षक ऐसी किसी दुनिया में रहें और उन्होंने उनके वीडियो कैमरे द्वारा रिकॉर्डिंग रोकने के लिए ग्लास पहनने वालों ("ग्लासहोल") पर प्रतिबंध लगा दिया.

अपने स्मार्टफ़ोन पर ऑगमेंटेड रिएलिटी गेम खेलता एक व्यक्ति
अपने इंटीरियर डिज़ाइन का वर्चुअल लेआउट बनाने के लिए ऑगमेंटेड रिएलिटी का इस्तेमाल करते हुए एक व्यक्ति


आपके हाथ में एक डिवाइस (स्मार्टफ़ोन या टैबलेट).

ऑगमेंटेड रिएलिटी को इस्तेमाल करने के लिए फ़ोन बढ़िया टूल होते हैं क्योंकि लगभग हर एक व्यक्ति के पास एक फ़ोन तो होता ही है और हर स्मार्टफ़ोन में कैमरा पहले से मौजूद होता है और मोबाइल ऐप का ऐक्सेस भी होता है. Pokémon GOकी सफलता की एक बड़ी वजह यह भी थी कि लोगों के पास इसे खेलने के लिए पहले से टूल थे. इस AR गेम ऐप को इसके लॉन्च होने के एक साल के अंदर ही 500 मिलियन से ज़्यादा बार डाउनलोड किया गया था.

 

Pokémon GOकी तरह, Ikea के ऑगमेंटेड रिएलिटी ऐप IKEA Place ने भी स्मार्टफ़ोन टेक्नोलॉजी का फ़ायदा उठाया. इस ऐप की मदद से लोग कोई फ़र्नीचर खरीदने से पहले यह देख सकते थे कि वह उनके घर में कैसा लगेगा. AR भारी चीज़ों, जैसे कि फ़र्नीचर के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है लेकिन खिलौनों जैसे छोटे प्रॉडक्ट के लिए यह उतने काम का नहीं है क्योंकि इन्हें किसी एनवायरन्मेंट में प्रीव्यू करने की ज़रूरत नहीं होती.

 

AR ऐप की सबसे बड़ी खामी यह है कि आपको अपना फ़ोन पकड़कर सामने रखना होगा जिससे आप स्क्रीन देख सकें. शॉफ़ कहते हैं, “आपको अपना हाथ उठाकर रखना होगा, जो कि शारीरिक रूप से थका देने वाला है”. “इसका इस्तेमाल आसान नहीं है.” साथ ही, फ़ोन हो या स्मार्ट ग्लास, बैटरी भी एक समस्या हो सकती है. कॉफ़मैन बताते हैं, “Pokémon GOमें ज़्यादातर लोगों ने इसका AR पार्ट बंद कर दिया क्योंकि यह सारी बैटरी इस्तेमाल कर लेता था”.

 

AR ग्लास, हेडसेट और फ़ोन, सबकी अपनी सीमाएँ हैं जिन्हें दूर किया जा सकता है लेकिन टेक्नोलॉजी भी तेज़ी से बदल रही है.

 

आप AR टेक्नोलॉजी से क्या-क्या कर सकते हैं?

AR की भूमिका Snapchat में अपने चेहरे पर वर्चुअल तरीके से मूँछें लगा लेने से कहीं ज़्यादा है. अभी संभावनाओं की खोज की शुरुआत ही हुई है. “कई लोगों को लग सकता है कि अभी बहुत काम हो चुका है लेकिन AR/VR के लिए यह शुरुआती समय ही है,” शॉफ़ ऐसा मानते हैं. “अभी भी इस क्षेत्र में सुनहरे अवसर बाकी हैं. कोई भी व्यक्ति यहाँ आकर अपना प्रभुत्व स्थापित कर सकता है.”

 

शॉफ़ और कॉफ़मैन, दोनों की सलाह है कि हमें लोगों के रोमांच से ऊपर उठकर सोचना होगा. पहली बार AR का अनुभव करने पर लोग बहुत रोमांचित हो जाते हैं. हमें यह सोचना चाहिए कि अपनी कहानी सुनाने के लिए AR का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है. “टेक्नोलॉजी के संवेदनात्मक पहलू पर भी ध्यान देना चाहिए,” शॉफ़ का ऐसा मानना है. “बहुत सारे लोग टेक्नोलॉजी पर फ़ोकस करते हैं. वे इंसानी एंगेजमेंट के बारे में नहीं सोचते. और यही वह बिंदु है जहाँ AR और VR सफल होंगे.”

कलाकार एस्टेला त्से ऑगमेंटेड रिएलिटी आर्टवर्क बनाती हैं
AR headset पहने एक यूज़र

एस्टेला त्से जैसे कलाकार अपनी कहानी सुनाने के लिए पहले से ही AR का इस्तेमाल कर रहे हैं. त्से और उनके हाफ़-AR पीस “Two Sides of the Same Coin” कावीडियो देखें जिसमें उन्होंने अनुरूपता और रचनात्मकता का आंतरिक संघर्ष दिखाया है. उन्होंने अपना प्रोजेक्ट 2018 के 'फ़ेस्टिवल ऑफ़ द इंपॉसिबल' में दिखाया. यह शो AR और VR कलाकारों के काम को समर्पित था. 2019 फ़ेस्टिवल ने कुछ ऐसे अजूबे दिखाए जिनमें आप भविष्य में android से बात कर सकते हैं, ऐसा पौधा देख सकते हैं जो सोशल मीडिया के 'लाइक' से फलता-फूलता है और दबाने वाली कारपेट में बँधना वगैरह.

 

AR का एक और पहलू वह है जिस पर Pokémon GO में काम किया गया. यह पहलू था शेयर्ड अनुभव जेनरेट करना. “बहुत सारे लोगों को एक चीज़ देखने के लिए एक साथ लाना,” कॉफ़मैन ऐसा कहते हैं. “यह वह चीज़ थी जो Pokémon GO ने की यानी शेयर्ड AR, और ऐसा पहले कभी किसी ने नहीं किया था. आप कोई चीज़ एनवायरन्मेंट में ऐसे रखें जिसे आप और मैं अलग-अलग अपनी सुविधा की जगह से देख सकें और यह वही जगह है जहाँ इसे हम दोनों के लिहाज़ से होना चाहिए.”

शॉफ़ और कॉफ़मैन, दोनों को लगता है कि क्रिएटिव ही AR को सबसे रोमांचक और चकित कर देने वाली दिशा में ले जाएँगे. शॉफ़ कहानी सुनाने वालों को उद्देश्य के साथ और लोगों की ज़िंदगी बेहतर बनाने के लिए चुनौतीपूर्ण टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं. और कॉफ़मैन को लगता है कि नए ऑथरिंग टूल, जैसे कि Adobe Project Aero के मार्केट में आने से क्रिएटिव मुश्किल कोडिंग स्किल को सीखे बगैर AR बना सकेंगे. Adobe Flash ने जिस तरह से वेब डिज़ाइनर के लिए काम किया, Project Aero वही काम AR डिज़ाइनर के लिए कर सकता है. कॉफ़मैन कहते हैं, “अपने पास ऐसा टूल होना जो ऐसे लोगों के हाथों में प्रयोग करने की शक्ति सौंपता है जो इंजीनियरों की तरह नहीं सोचते, ऐसी अप्रत्याशित इनसाइट दे सकता है जो पूरे काम को शानदार बना सकती है”.

 

संभावनाओं के बारे में गहराई से जानने के लिए, AR के 5 नए उदाहरणदेखें, और Adobe Max 2018 में Adobe के प्रॉडक्ट मैनेजर शैंटल बेंसन कोAdobe Illustrator औऱ Adobe Photoshop में ऑगमेंटेड रिएलिटी का इस्तेमाल करने के बारे में बात करते हुए देखें. प्रेरणा लें और दिन में सपने देखना शुरू करें. फिर, प्रयोग करना शुरू करें और देखें कि आप क्या बना सकते हैं.

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