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3D प्रोजेक्शन मैपिंग कैसे काम करती है?

क्रिएटर्स के प्रति Adobe की कमिटमेंट के तहत ही, हम अपने यूज़र्स के साथ हमेशा ऐसे नए-नए व दिलचस्प तरीके शेयर करना चाहते हैं जिनकी मदद से वे अपनी खुद की ऑडियंसेज़ से बातचीत कर पाएँ। 3D प्रोजेक्शन मैपिंग इसे देखने वालों के लिए उनके दिलोदिमाग में लंबे समय तक बनी रहने वाली यादें बनाने का एक शानदार तरीका है।

3D प्रोजेक्शन मैपिंग प्रोजेक्शन को सचमुच की किसी सर्फ़ेस के साथ बिलकुल सटीक ढंग से अलाइन करके काम करती है। ऐसा अक्सर आर्किटेक्चर पर किया जाता है, लेकिन इसे कुछ खास खूबियों के साथ आने वाले करीब-करीब सभी ऑब्जेक्ट्स पर किया जा सकता है। प्रोजेक्शन मैपिंग आर्टिस्ट्स और क्रिएटर्स के लिए दिखने में दिलचस्प लगने वाले एक्सपीरियंसेज़ बनाने का एक अनोखा तरीका है।

प्रोजेक्शन मैपिंग का बुनियादी वर्कफ़्लो।

सही टूल्स और सॉफ़्टवेयर की मदद से, 3D प्रोजेक्शन मैपिंग का इस्तेमाल करके हर कोई नए-नए आइडियाज़ आज़माकर देख सकता है। इसके लिए यहाँ पर कुछ ज़रूरी स्टेप्स दिए गए हैं।
1. सर्फ़ेस की तैयारी
पहला स्टेप होता है उस सर्फ़ेस की पहचान करना और उसे तैयार करना, जिस पर प्रोजेक्शन को मैप किया जाएगा। एक ऐसी सर्फ़ेस चुनें जो आपके प्रोजेक्शन को दिखने में और ज़्यादा असरदार बनाएगी व इसे देखने वालों के लिए दिलचस्प बनाएगी। जब आप क्रिएट करने के लिए तैयार हों, तो इन बातों पर भी ध्यान देना ज़रूरी है कि सर्फ़ेस को किस तरह की लाइटिंग में देखा जाएगा और प्रोजेक्शन की क्वालिटी को ज़्यादा से ज़्यादा अच्छा रखने के लिए किस तरह का टेक्सचर और कलर सही रहेगा।
2. 3D मॉडलिंग
सर्फ़ेस चुन लेने के बाद, ऑब्जेक्ट का 3D मॉडल बनाएँ। इसके लिए Substance 3D Sampler के फ़ोटोग्रैमेट्री फ़ीचर का इस्तेमाल किया जा सकता है। 3D मॉडल बनाते हुए आपके लिए सटीक प्रपोर्शन्स व मेज़रमेंट्स वाला प्रोजेक्शन तैयार करना मुमकिन होगा, ताकि प्रोजेक्ट किया गया कॉन्टेंट सचमुच वाले ऑब्जेक्ट के साथ अच्छे से अलाइन हो जाए।
3. कॉन्टेंट क्रिएशन
जिस सर्फ़ेस पर प्रॉजेक्ट किया जाना है, उसकी अनोखी खूबियों का फ़ायदा उठाते हुए ऑब्जेक्ट में जान डालने के लिए दिलचस्प विज़ुअल्स बनाएँ। 3D प्रोजेक्शन मैपिंग अपने आइडियाज़ दूसरों तक ले जाने का एक क्रिएटिव तरीका है और इसके लिए स्टैटिक इमेजेज़, एनिमेशन्स, और वीडियो का इस्तेमाल किया जा सकता है।
4. कैलिब्रेशन
जब प्रोजेक्टर सेट करना हो, तो प्रोजेक्टर की पोज़िशन, ऐंगल, और लेंस की खूबियों के साथ-साथ सर्फ़ेस की जियॉमेट्री और टेक्सचर पर ध्यान देना ज़रूरी है।
5. प्रोजेक्शन
प्रोजेक्टर के ठीक से लग जाने के बाद, आपका कॉन्टेंट सर्फ़ेस पर प्रॉजेक्ट किए जाने के लिए तैयार होता है। सही प्लेसमेंट के साथ, आपका कॉन्टेंट बिलकुल ऑब्जेक्ट के शेप व फ़ीचर्स के हिसाब से फ़िट बैठेगा, जिससे देखने वालों के लिए शानदार व इमर्सिव इल्यूज़री एक्सपीरियंसेज़ तैयार होंगे।
3D projection mapping of various textures to 3d visualization project
Substance Alchemist टीम के द्वारा इमेज।

3D प्रोजेक्शन मैपिंग का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?

3D प्रोजेक्शन मैपिंग कई तरह के कामों में इस्तेमाल की जा सकने वाली एक बिलकुल अलग किस्म की टेक्नीक है। इसे एडवरटाइज़िंग, आर्ट, एजुकेशन, व एंटरटेनमेंट सहित कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आपको बड़ी तादाद में ऑडियंस तक पहुँच बनानी है, तो उनके दिलोदिमाग पर छाप छोड़ने के लिए प्रॉजेक्शन टेकनीक्स शानदार रहेंगी।

कंपनीज़ को 3D प्रोजेक्शन मैपिंग का फ़ायदा कैसे मिल सकता है?

कंपनीज़ स्पेशल इवेंट्स में या किसी फ़िज़िकल लोकेशन पर लोगों का ध्यान खींचने के लिए 3D प्रॉजेक्शन मैपिंग का फ़ायदा उठा सकती हैं। बिज़नेसेज़ के लिए कुछ अहम फ़ायदों में शामिल हैं:

1. ब्रैंड का ज़्यादा लोगों की निगाह में आना। भीड़-भाड़ वाले माहौल में अलग अंदाज़ वाले दिलचस्प डिस्प्लेस बनाएँ। इस टेक्नीक का इस्तेमाल करके, कंपनीज़ ब्रैंड को ज़्यादा लोगों की निगाह में ला सकती हैं और ऑडियंस पर लंबे समय के लिए छाप छोड़ सकती हैं।

2. एडवरटाइज़िंग के कैम्पेन्स। प्रोजेक्शन मैपिंग डायनैमिक व इंटरैक्टिव तरीके से एडवरटाइज़ करने का ज़रिया उपलब्ध कराती है। यह लाजवाब तरीके से दिलचस्प कहानियाँ सुनाने का मौका देती है। प्रोजेक्शन मैपिंग की इमर्सिव खूबी से कंपनीज़ के लिए अपनी कहानियाँ कस्टमर्स तक ले जाने में मदद मिलती है।

3. इवेंट एक्सपीरियंसेज़। कॉर्पोरेट इवेंट्स, प्रॉडक्ट लॉन्चेज़, ट्रेड शोज़, और अन्य गैदरिंग्स में किसी एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए बिज़नेसेज़ प्रोजेक्शन मैपिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।

4. सोशल मीडिया पर होने वाले इंटरैक्शन में बढ़ोतरी। अगर पिक्चर्स व वीडियोज़ में सही से कैप्चर किया जाए, तो प्रॉजेक्शन मैपिंग इंस्टॉलेशन्स ऑनलाइन देखने वालों के लिए भी उतने ही दिलचस्प होते हैं। यह अपनी सोशल मीडिया फ़ॉलोइंग के साथ एक दिलचस्प और शानदार एक्सपीरियंस शेयर करने का शानदार मौका होता है।

5. आर्टिस्टिक ब्रैंड एक्स्प्रेशन। प्रोजेक्शन मैपिंग की मदद से कंपनीज़ अपने ब्रैंड की पहचान को क्रिएटिव व आर्टिस्टिक अंदाज़ में सामने ला सकती हैं। इससे ऑडियंस के साथ जज़्बात के लेवल पर जुड़ने का मौका मिलता है जिसका असर किसी इकलौते इवेंट के मुकाबले ज़्यादा समय तक चल सकता है।

3D प्रोजेक्शन मैपिंग की शुरुआत करना।

चाहे आपको किसी वेन्यू पर एक बड़े ऑडियंस के साथ इंटरैक्ट करना हो या बस एक नया मीडियम एक्सप्लोर करना हो, 3D प्रोजेक्शन मैपिंग अपने आइडियाज़ और क्रिएटिविटी को शेयर करने का एक इमर्सिव और क्रिएटिव तरीका है। Adobe के दमदार ऐप्स की मदद से, आपके पास इमेजेज़, एनिमेशन्स, व वीडियोज़ क्रिएट करने के लिए ज़रूरी टूल्स होंगे, जिन्हें आपके लिए किसी भी सर्फ़ेस पर प्रॉजेक्ट करना मुमकिन होगा। हम आपकी क्रिएशन देखने के लिए बेताब हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

3D प्रोजेक्शन की कीमत कितनी है?

3D प्रोजेक्शन मैपिंग से जुड़े खर्चों में ये चीज़ें शामिल हैं: इसमें इस्तेमाल होने वाला प्रोजेक्टर, एक कंप्यूटर या लैपटॉप, और Creative Cloud व Substance 3D जैसा कॉन्टेंट क्रिएशन सॉफ़्टवेयर। आपको जिस सर्फ़ेस पर प्रॉजेक्ट करना है उसके साइज़ और स्केल के हिसाब से, इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोजेक्टर की किस्म काफ़ी अलग-अलग हो सकती है। कुल मिलाकर, 3D प्रोजेक्शन मैपिंग ऑडियंस के साथ जुड़ने का एक किफ़ायती तरीका है।

3D प्रोजेक्शन मैपिंग के लिए मुझे क्या इक्विपमेंट चाहिए?

आपको एक अच्छी क्वालिटी वाला प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, 3D मॉडलिंग सॉफ़्टवेयर, सर्फ़ेस कैलिब्रेशन टूल, ऑडियो टूल्स (अगर ज़रूरत हो), कंट्रोल डिवाइसेज़, केबल्स और कनेक्टर्स लेने होंगे। इनके अलावा, घर तक पहुँचने का रास्ता तो चाहिए ही और बाहर होने पर प्रॉजेक्टर को प्रोटेक्ट करने का इंतज़ाम भी करना होगा। सबकुछ मिलाकर देखा जाए, तो लोकेशन, स्केल, व प्रॉजेक्ट की जटिलता के हिसाब से ज़रूरी इक्विपमेंट्स भी अलग-अलग होंगे।

2D और 3D प्रोजेक्शन मैपिंग एक-दूसरे से अलग कैसे हैं?

2D प्रॉजेक्शन किसी स्क्रीन या दीवार पर फ़िल्म देखने जैसा होता है। 3D प्रॉजेक्शन में, प्रॉजेक्शन में 3D सर्फ़ेस से मेल खाने के लिए हेरफेर किया जाता है। 3D प्रॉजेक्शन मैपिंग ज़्यादा जटिल होती है, लेकिन यह ज़्यादा दिलचस्प इल्यूज़न्स व इफ़ेक्ट्स पैदा कर सकती है जिससे देखने वालों को एक इमर्सिव एक्सपीरियंस मिलता है।

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