3D शू डिज़ाइन: क्या पता होना चाहिए।
3D शू डिज़ाइन फ़ुटवियर डिज़ाइन और प्रॉडक्शन को ज़्यादा असरदार, सटीक, सस्टेनेबल बनाती है, और कुल मिलकर उसकी क्वालिटी को बेहतर बनाती है। 3D में फ़ुटवियर डिज़ाइन करना सीखना फ़ुटवियर इंडस्ट्री में कदम रखने और एक अनोखी फ़ील्ड में अपनी क्रिएटिविटी ज़ाहिर करने का एक शानदार तरीका भी है।
3D शू डिज़ाइन के फ़ायदे।
3D टूल्स के साथ फ़ुटवियर डिज़ाइन करने के कई फ़ायदे होते हैं। रिवाज़ की बात की जाए, तो हर प्रॉडक्ट को मैन्युफ़ैक्चर किए जाने से पहले उसका सचमुच का प्रोटोटाइप बनाया जाता था। डिज़ाइनर पहले अपने आइडियाज़ का स्केच बना सकते थे, लेकिन इस काम में समय लगता था और उन्हें ढेर सारे फ़िज़िकल सैंपल्स भी बनाने पड़ते थे। यहाँ प्रैक्टिस में 3D शू डिज़ाइन के कुछ सबसे बड़े फ़ायदे दिए गए हैं:
1. सटीकता: 3D डिज़ाइन की मदद से हर डिज़ाइन में बेहद सटीक होना मुमकिन होता है। प्रॉडक्शन के शुरुआती पड़ावों में होने पर भी किसी प्रॉडक्ट को तीन डायमेंशन्स में विज़ुअलाइज़ कर पाने की काबिलियत से स्केच के मुकाबले ज़्यादा ऊँचे लेवल की सटीकता हासिल होती है।
2. लागत में कमी: 3D शू डिज़ाइन सचमुच के कई प्रोटोटाइप्स की ज़रूरत को खत्म करके मैन्युफ़ैक्चरिंग में आने वाली लागत को कम कर देती है।
3. सस्टेनेबिलिटी: फ़ंक्शनैलिटी और एस्थेटिक्स को बनाए रखते हुए मटीरियल के इस्तेमाल को कम से कम करने के लिए शू डिज़ाइन्स को कारगर व असरदार बनाकर मैन्युफ़ैक्चरर्स बर्बादी कम कर सकते हैं और सस्टेनेबिलिटी की कोशिशों में मदद कर सकते हैं।
4. रैपिड प्रोटोटाइपिंग: 3D शू डिज़ाइन आइडियाज़ को तेज़ी से इटिरेट करने के लिए शानदार होती है। 3D प्रोग्राम्स इस तरह से बने होते हैं कि उनमें डिज़ाइन च्वाइसेज़ शुरुआती डिज़ाइन को नुकसान नहीं पहुँचातीं, इस तरह डिज़ाइनर्स के लिए तेज़ी से बदलाव करना मुमकिन होता है।
5. दूसरों के साथ मिलजुलकर काम करना: 3D डिज़ाइन टूल्स डिज़ाइनर्स, मैन्युफ़ैक्चरर्स, व स्टेकहोल्डर्स के लिए डिजिटल तरीके से मिलजुलकर काम करना मुमकिन बनाते हैं। इससे मैन्युफ़ैक्चरिंग के दौरान आ सकने वाली किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए डिज़ाइन्स को रिव्यू करना और उनमें बदलाव करना आसान हो जाता है।
6. क्वालिटी कंट्रोल: 3D डिज़ाइन टूल्स की मदद से हासिल किए जा सकने वाले सटीकता और रियलिज़्म के ज़रिए, शू बनाए जाने से पहले ही पूरी तरह से क्वालिटी कंट्रोल का काम शुरू किया जा सकता है।
3D शू डिज़ाइन की प्रॉसेस।
अगर आपको खुद से 3D में शू डिज़ाइन करने की प्रॉसेस एक्सप्लोर करनी है, तो यहाँ इसके बारे में जानकारी दी गई है।
1. कॉन्सेप्टिंग फ़ेज़: शू बनाने का पहला स्टेप है फ़ैशन ट्रेंड्स पर रिसर्च करके और ऑडियंस व मार्केट एनालिसिस करके यह पता लगाना कि आपको किस तरह का शू बनाना है। यह आइडियाज़ को 2D में स्केच करने और आसान कॉन्सेप्ट्स पर पूरी तरह से ध्यान देने की शुरुआत करने का समय होता है।
2. 3D मॉडलिंग: किसी एक डायरेक्शन में सेटल हो जाने के बाद, अब समय आ गया है कि आप अपने आइडियाज़ को एक 3D मॉडलिंग सॉफ़्टवेयर में ले जाएँ और क्रिएट करना शुरू करें। अगर 3D डिज़ाइन आपके लिए नई है और आपको प्रैक्टिस करनी है, तो Substance 3D Assets लाइब्रेरीमें हमारे पहले से मॉडल किए गए शूज़ देखें। सीखना शुरू करने के लिए ये एक बढ़िया जगह है।
3. बारीकियाँ डालना और टेक्सचर देना: मॉडलिंग पूरी करने के बाद, अगला स्टेप है कि आप उस पर मटीरियल्स और टेक्सचर्स अप्लाई करें, ताकि यह पता चल सके कि असल ज़िंदगी में यह शू कैसा दिखेगा। इंडस्ट्री के जाने-माने टेक्सचर पेंटर, Substance 3D Painter की मदद से, मॉडल में सिलाई जैसी बारीकियाँ आसानी से जोड़ी जा सकती हैं।
4. प्रोटोटाइपिंग और प्रॉडक्शन: एक बार जब आपने सही डिज़ाइन तय कर ली हो, तो आप मैन्युफ़ैक्चरर खोजने, प्रॉडक्शन के लिए डिज़ाइन तैयार करने, और अपने आइडिया को सच की ज़मीन पर उतारने के लिए तैयार हैं।
3D शू डिज़ाइन की मुश्किलें।
3D डिज़ाइन से साफ़ तौर पर मिलने वाले फ़ायदों के बावजूद, नए सॉफ़्टवेयर को इम्प्लिमेंट करने में कई मुश्किलें सामने आती हैं। अगर 3D डिज़ाइन आपके लिए नई है, तो सीखने में शुरुआत में थोड़ी मुश्किल होगी। 3D सॉफ़्टवेयर मज़बूत होता है और आमतौर पर इसमें डिज़ाइन के कामों के बारे प्रति इस तरह की सोच और नज़रिया अपनाया जाता है जो आपके लिए शायद नया हो।
इसका मतलब है कि 3D सॉफ़्टवेयर में हुनरमंद होने के लिए अनगिनत टूल्स सीखने होते हैं, शॉर्ट कट्स याद करने पड़ते हैं, UI सीखनी पड़ती है, और सॉफ़्टवेयर की खूबियाँ समझने के लिए समय देना होता है। आपको ऐसा लग सकता है कि सॉफ़्टवेयर के बारे में आपकी जानकारी की वजह से डिज़ाइन से जुड़ी आपकी काबिलियतें लिमिटेड हो जा रही हैं। अच्छी बात यह है कि इस चीज़ को प्रैक्टिस के ज़रिए और ऑनलाइन टूल्स व ट्यूटोरियल्स की मदद से कम किया जा सकता है।
3D शू डिज़ाइन के ऐप्लिकेशन्स।
3D शू मॉडल्स बनाने के लिए सॉफ़्टवेयर।
3D शू डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर की किस्में।
1. मॉडलिंग: सबसे पहले, आपको जूते का बुनियादी शेप बनाने में मदद के लिए सॉफ़्टवेयर की ज़रूरत होगी। Substance 3D Modeler एक शानदार सल्यूशन है। इसे अन्य Substance 3D ऐप्स के साथ बिना किसी रुकावट के कनेक्ट किया जा सकता है।
2. मटीरियल क्रिएशन: मटीरियल क्रिएशन में मदद करने के लिए हमने दो दमदार ऐप्स उपलब्ध कराए हैं, ताकि आप अपने शू को परफ़ेक्ट लुक दे सकें।
- Substance 3D Designer: यह एक ऑस्कर विनिंग ऐप है। इसकी मदद से नोड-आधारित वर्कफ़्लो का इस्तेमाल करके दमदार और डायनामिक मटीरियल बनाया जा सकता है। इस ऐप को सीखते समय शुरुआत में थोड़ी मुश्किल होती है, लेकिन इसे मटीरियल क्रिएट करने के लिए सबसे डायनामिक तरीकों में गिना जाता है।
- Substance 3D Sampler: Sampler की मदद से असल दुनिया के फ़ोटोग्राफ़ का इस्तेमाल असली लगने वाले मटीरियल्स बनाए जा सकते हैं। इससे डिज़ाइनर्स अपना क्रिएटिव काम कारगर व असरदार बना सकते हैं और असल दुनिया के मटीरियल्स (जो शायद आपकी अपनी शू डिज़ाइन के लिए भी इस्तेमाल हो रहा हो) मैच भी कर सकते हैं।
3. टेक्सचर पेंटिंग: मटीरियल्स मिल जाने के बाद, उन्हें मॉडल पर अप्लाई करने में मदद करने वाला टूल होना शानदार 3D शू डिज़ाइन बनाने के लिए आखिरी स्टेप है। यहीं पर Substance 3D Painter काम आता है।
4. रेंडरिंग: आखिर में, आपको एक ऐसे 3D सॉफ़्टवेयर की ज़रूरत पड़ेगी, जो आपको अपने डिज़ाइन की फ़ाइनल इमेजेज़ रेंडर करने की सुविधा देता हो, ताकि आप फ़ुटवियर के हर हिस्से को इन-कॉन्टेक्स्ट देख सकें, सेल्स और मार्केटिंग मटीरियल्स बना सकें, या किसी मैन्युफ़ैक्चरर को रेफ़रेंसेज़ दे सकें। Substance 3D Stager की मदद से ये सारे काम आसानी से पूरे किए जा सकते हैं।
सॉफ़्टवेयर की लागत।
3D शू डिज़ाइन का आने वाला कल।
सालोमन के द्वारा इमेज।