3D स्कल्पटिंग क्या होती है?
थोड़े में बात की जाए, तो 3D स्कल्पटिंग, जिसे डिजिटल स्कल्पटिंग भी कहा जाता है, उस प्रॉसेस को कहते हैं जब कोई आर्टिस्ट कंप्यूटर पर कोई 3D मॉडल गढ़ता है। 3D सॉफ़्टवेयर की मदद से आर्टिस्ट्स किसी डिजिटल मटीरियल में शेप देकर मॉडल्स बना सकते हैं। इससे उन्हें हावभाव और सहजता में सचमुच की मिट्टी पर काम करने जैसा ही एहसास होता है।
डिजिटल स्कल्पटिंग टूल्स और फ़ीचर्स।
3D मॉडल्स बनाने में आपकी मदद के लिए Substance 3D Modeler आपको कई टूल्स और फ़ीचर्स का ऐक्सेस देता है। कुछ सबसे आम फ़ीचर्स में शामिल हैं:
• डेस्कटॉप और वर्चुअल रियालिटी। Modeler में एक स्टैंडर्ड डेस्कटॉप यूज़र इंटरफ़ेस और एक अलग VR इंटरफ़ेस होता है, जिसे VR हेडसेट के साथ किसी भी समय इस्तेमाल किया जा सकता है। क्रिएटर्स एक ही प्रॉजेक्ट में उनमें से किसी एक का या दोनों के मिक्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
• लेयर और स्कोपिंग। लेयर्स का इस्तेमाल करके कॉन्टेंट को Modeler में ऑर्गनाइज़ किया जाता है। इनकी मदद से मॉडल के बाकी हिस्सों में गलती से कोई बदलाव करने से बचते हुए सिर्फ़ तय हिस्सों को गढ़ने और एडिट करने में मदद मिलती है।
• वॉक्सेल-आधारित मॉडलिंग। 3D मॉडलिंग का यह तरीका जियॉमेट्रिक मॉडलिंग की पाबंदियाँ दरकिनार कर देता है। डिज़ाइन के बाद उसे एक्सपोर्ट करते समय टोपॉलजी अपने आप हैंडल कर ली जाती है। स्कलप्टिंग के इस तरीके के बारे में और जानने के लिए, हमारी पिछली पोस्ट, Modeler कैसे काम करता है? पढ़ी जा सकती है।
3D स्कल्पटिंग वर्कफ़्लो।
किसी आइडिया को सच की ज़मीन पर उतरता हुआ देखने के लिए 3D स्कलप्टिंग में काफ़ी समय और मेहनत लग सकती है। यहाँ पर कुछ बुनियादी जानकारी दी गई है:
1. कन्सेप्चुअलाइज़ेशन और प्लानिंग। कोई बेहतरीन मॉडल बनाने की शुरुआत में अक्सर कुछ नए-नए आइडियाज़ आज़माकर देखने होते हैं, स्केचेज़ बनाने पड़ते हैं, या मेंटल प्लानिंग करनी पड़ती है। रेफ़रेंसेज़ जुटाना भी खुद को तैयार करने का एक शानदार तरीका है।
2. अपना चुना हुआ सॉफ़्टवेयर तैयार करें। 3D स्कलप्टिंग टूल्स को चुनते समय खुद की पसंद/नापसंद, स्किल लेवल, और बजट की पाबंदियों समेत कई चीज़ें ध्यान में रखनी होती हैं। सीन को सेट अप करें और अगर रेफ़रेंसेज़ इस्तेमाल हो रहे हैं तो उन्हें इम्पोर्ट करें।
3. स्कल्प्ट का रफ़ स्केच बनाना। स्कल्प्टिंग की शुरुआत डिजिटल क्ले को आसान शेप देने से होती है, इसलिए आसान शेप्स का स्केच बनाने से शुरुआत करना ही सबसे अच्छा रहेगा।
4. स्कल्प्ट को रिफ़ाइन करना। ज़्यादा सटीक बारीकियाँ डालने के लिए आसान शेप्स में धीरे-धीरे बदलाव करें। इस्तेमाल हो रहे सॉफ़्टवेयर और गढ़े जा रहे मॉडल की किस्म से तय होगा कि यह स्टेप कैसे पूरा किया जाएगा। हार्डएज मॉडलिंग या ऑर्गेनिक मॉडलिंग के तरीके बिलकुल अलग होते हैं।
5. टेक्सचर देना और पेंट करना। ज़रूरत पड़ने पर, टेक्सचर देने के लिए मॉडल को UV अनरैप करें। अगर Substance 3D Modeler इस्तेमाल हो रहा है, तो एक्सपोर्ट करते समय यह काम अपने आप पूरा हो जाता है। मटीरियल्स अप्लाई करने या सीधे इसकी सर्फ़ेस पर पेंट करने के लिए इसे Substance 3D Painter में इंपोर्ट करें।
6. रेंडर और एक्सपोर्ट करना। स्कल्प्ट को कैसे इस्तेमाल किया जाएगा, उसके आधार पर आखिर में या तो इसे कहीं और इस्तेमाल के लिए एक्सपोर्ट किया जाता है, या फ़ाइनल इमेजेज़ या एनिमेशन्स को स्टेज करके रेंडर किया जाता है।
याद रखें कि अलग-अलग लोगों की पसंद व प्रॉजेक्ट की सटीक ज़रूरतों के आधार पर यह वर्कफ़्लो अलग-अलग हो सकता है। फिर भी 3D स्कलप्टिंग पहली बार सीखते समय शुरुआत करने के लिए यह एक बढ़िया जगह है।
लर्निंग और रिसोर्सेज़।
अगर आपको अपने Substance 3D सब्सक्रिप्शन का भरपूर फ़ायदा उठाना है और 3D में डिजिटल स्कल्प्टिंग टेकनीक्स में महारत हासिल करनी है, तो Substance 3D Modeler में आपके काम की बहुत सारी चीज़ें मौजूद हैं। प्रोफ़ेशनल आर्टिस्ट्स को Modeler में की जा सकने वाली क्रिएटिव चीज़ें एक्सप्लोर करता हुआ देखने के लिए हर सोमवार Modeler Monday नाम की कम्युनिटी लाइवस्ट्रीम में शामिल हों। यूज़र्स हमारी मज़बूत Discord कम्युनिटी के साथ भी जुड़ सकते हैं या Magazine में सीखने लायक कॉन्टेंट एक्सप्लोर कर सकते हैं। यहाँ 3D स्कल्पटिंग के लिए हमारे टॉप रिसोर्सेज़ दिए गए हैं:
• Substance 3D Modeler Discord कम्युनिटी।
Adobe के द्वारा इमेज।