डिस्प्लेसमेंट मैपिंग क्या होती है?
इस गाइड में, हम बताएँगे कि डिस्प्लेसमेंट मैप्स क्या होते हैं, वे फ़ायदेमंद क्यों होते हैं, और अपनी डिज़ाइन्स में उनका इस्तेमाल कैसे करें।
रियल और वर्चुअल वर्ल्ड्स के बीच की लाइन तेज़ी से धुँधली होती जा रही है और असली लगने वाली 3D डिज़ाइन की अहमियत काफ़ी बढ़ चुकी है। गेमिंग हो, मूवीज़ हों, या आर्किटेक्चर, टेक्स्चर वाले 3D ऑब्जेक्ट्स डिज़ाइनर्स को ज़्यादा गहराइयों वाली व ज़्यादा दिलचस्प कहानियाँ बताने में मदद करते हैं।
डिस्प्लेसमेंट मैपिंग एक 3D डिज़ाइन टेक्नीक है जो 3D एनवायरमेंट्स में असली लगने वाले टेक्सचर्स तैयार करती है। Adobe Substance 3D जैसे प्लैटफ़ॉर्म्स की मदद से रियलिस्टिक डिस्प्लेसमेंट मैप्स तैयार करना मुमकिन होता है, लेकिन फिर भी यह समझना बेहतर रहेगा कि यह टेक्नीक क्यों मायने रखती है और इसका सही इस्तेमाल कैसे करें। इस गाइड में, हम बताएँगे कि डिस्प्लेसमेंट मैप्स क्या होते हैं, वे फ़ायदेमंद क्यों होते हैं, और अपनी डिज़ाइन्स में उनका इस्तेमाल कैसे करें।
डिस्प्लेसमेंट मैपिंग को समझना।
डिस्प्लेसमेंट मैपिंग की डेफ़िनिशन।
डिस्प्लेसमेंट मैपिंग एक 3D मॉडलिंग टेक्नीक है, जो टेक्सचर मैप के आधार पर किसी मॉडल की जियॉमेट्री में हेरफेर करके उसमें बारीकियाँ डालती है। डिस्प्लेसमेंट मैप को टोपोग्राफ़िकल मैप के रूप में देखें, जिसमें ऊँचाइयाँ और गहराइयाँ मॉडल की सर्फ़ेस पर मौजूद बारीकियाँ दर्शाती हैं।
3D डिज़ाइन में डिस्प्लेसमेंट मैपिंग का इस्तेमाल करने के फ़ायदे।
बेहतर रियलिज़्म।
किसी मॉडल की असल जियॉमेट्री को डिस्प्लेस करने से ज़्यादा असली लगने वाला लुक सामने आ सकता है। कुदरती तौर पर ऑब्जेक्ट्स कभी-कभार ही स्मूथ या परफ़ेक्ट होते हैं, इसलिए 3D ऑब्जेक्ट्स में वैरिएबल टेक्सचर डालने से वे दिखने में ज़्यादा असली लगते हैं।
बारीकियों वाले टेक्स्चर्स।
डिस्प्लेसमेंट मैप्स गहन बारीकियाँ डालते हैं जिसे मैन्युअल तरीके से कर पाना या तो नामुमकिन होगा या उसमें बहुत समय लगेगा।
बेहतर डेप्थ और डायमेंशनालिटी।
डिसप्लेसमेंट मैप्स में पीक्स और वैलीज़ होते हैं, जो किसी सर्फ़ेस के टेक्सचर में गहराई, लाइट, और शैडो जोड़ते हैं।
डिस्प्लेसमेंट मैप बनाम नॉर्मल मैप।
3D डिज़ाइन में नॉर्मल मैप्स का इस्तेमाल।
नॉर्मल मैप्स इस बात पर फ़ोकस करते हैं कि सर्फ़ेसेज़ से रोशनी टकराकर कैसे उछलती है। यह मॉडल की जियॉमेट्री को बदले बिना ही उसमें गहराई होने का भ्रम पैदा करता है। यह शैडोज़ और हाइलाइट्स पेंट करके आँखों को धोखा देता है जिससे आँखों को ऐसा टेक्सचर दिखाई पड़ता है जो असलियत में वहाँ पर मौजूद ही नहीं है।
डिस्प्लेसमेंट मैप्स और नॉर्मल मैप्स के बीच कम्पेरिज़न।
दोनों ही टेकनीक्स गहराई और टेक्सचर उपलब्ध कराती हैं, लेकिन उन्हें अलग-अलग तरीके से अंजाम दिया जाता है। डिस्प्लेसमेंट ऑब्जेक्ट की सर्फ़ेस के असल मेश में बदलाव करते हैं, जबकि नॉर्मल मैप्स सिर्फ़ लाइटिंग पर असर डालते हैं।
मिसाल के तौर पर, मान लें कि आप किसी ईंट की दीवार का 3D मॉडल बना रहे हैं। नॉर्मल मैप में ईंटों को 3D की शक्ल देने के लिए उसपर लाइट और शैडो दिखाए जाएँगे, लेकिन डिस्प्लेसमेंट मैप हरेक ईंट को सर्फ़ेस से बाहर निकालकर ज़्यादा डायनामिक और रियलिस्टिक इफ़ेक्ट पैदा करेगा।
डिस्प्लेसमेंट और नॉर्मल मैप्स के कॉम्बिनेशन के फ़ायदे।
डिस्प्लेसमेंट मैप्स व नॉर्मल मैप्स अलग-अलग होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दोनों का एक साथ इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। असल में, दोनों को कम्बाइन करने से शानदार रिज़ल्ट्स मिलते हैं और आपको बेहद रियलिस्टिक आउटपुट्स मिलते हैं। असली लगने वाले 3D मॉडल्स बनाने के लिए सर्फ़ेसेज़ फ़िज़िकल और ऑप्टिकल, दोनों तरह से टेक्सचर्ड दिखेंगे।
डिस्प्लेसमेंट मैपिंग कैसे काम करती है।
डिस्प्लेसमेंट मैपिंग मॉडल की जियॉमेट्री में बदलाव करके उसकी महीन बारीकियों को सामने लाती है। टेक्सचर के दिखने के अंदाज़ को सिम्युलेट करने की जगह यह मॉडल की सर्फ़ेस में सचमुच के टेक्सचर डालती है।
इनपुट: हाई-रिज़ॉल्यूशन डिस्प्लेसमेंट मैप।
डिस्प्लेसमेंट मैपिंग एक ग्रेस्केल इमेज होती है, जिसमें ग्रे के अलग-अलग शेड्स दर्शाते हैं कि ऑब्जेक्ट के हिस्से में डिस्प्लेसमेंट, या मूवमेंट, का क्या लेवल होना चाहिए।
- वाइट एरियाज़ सबसे ऊँचे वाले प्वाइंट्स, यानी पीक्स होते हैं।
- ब्लैक एरियाज़ सबसे निचले प्वाइंट्स, यानी वैलीज़ होते हैं।
- ग्रे एरियाज़ एक स्पेक्ट्रम पर अलग-अलग होते हैं। ग्रे जितना गहरा होता है, उतना ही कम होता है, और इसके उलट वह जितना हल्का होता है, उतना ही ज़्यादा होता है।
आउटपुट: सर्फ़ेस की बारीकियों वाला डिटेल्ड 3D मॉडल।
एक बार आपके पास डिस्प्लेसमेंट मैप आ जाए, फिर उसे मॉडल पर अप्लाई करना होता है।
- मैप को रीड करें। आपका 3D मॉडलिंग सॉफ़्टवेयर डिस्प्लेसमेंट मैप की ग्रेस्केल वैल्यूज़ को रीड करेगा।
- जियॉमेट्री में बदलाव करें। इन वैल्यूज़ के आधार पर, सॉफ़्टवेयर मॉडल के मेश पर मौजूद कोनों को पुश या पुल करता है। इससे मॉडल को एक नई, टेक्सचर वाली सर्फ़ेस मिलती है।
- रेंडर करें। जियॉमेट्री एडजस्ट करने के बाद, मॉडल रेंडर करें। देखें कि रियलिस्टिक हाइलाइट्स और शैडोज़ डालने के लिए लाइट सर्फ़ेस की नई बारीकियों के साथ कैसे इंटरैक्ट करती है।
डिस्प्लेसमेंट मैपिंग को लागू करने के लिए एक-एक स्टेप की सिलसिलेवार जानकारी देने वाली गाइड।
ज़रूरी सॉफ़्टवेयर टूल्स।
- 3D मॉडलिंग सॉफ़्टवेयर। अपना बेस 3D मॉडल बनाने या इम्पोर्ट करने के लिए, आपको Blender, Maya या 3ds Max जैसे सॉफ़्टवेयर की ज़रूरत होगी।
- टेक्सचर पेंटिंग सॉफ़्टवेयर। इसके बाद मॉडल के लिए अच्छी क्वालिटी के डिस्प्लेसमेंट मैप्स तैयार करने के मकसद से Adobe Substance 3D का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- रेंडरिंग सॉफ़्टवेयर। सभी 3D मॉडलिंग टूल्स में रेंडरर्स पहले से मौजूद होते हैं, लेकिन कुछ भी काम न करे तो यूज़र्स V-Ray या Render Man जैसे स्पेशलाइज़्ड सॉफ़्टवेयर्स की मदद कभी भी ले सकते हैं।
अपना 3D मॉडल तैयार करना।
एक ऐसा मॉडल चुनें जिसमें एक्सट्रा टेक्सचर डालना उसके लिए फ़ायदेमंद होगा। डिस्प्लेसमेंट मैप के ठीक से काम करने के लिए मॉडल में पॉलीगन की तादाद भी ज़्यादा होनी चाहिए। UV अनरैपिंग का इस्तेमाल करके तय करें कि डिस्प्लेसमेंट मैप को 3D मॉडल पर कैसे रैप किया जाए।
डिस्प्लेसमेंट मैप इम्पोर्ट करना और अप्लाई करना।
डिस्प्लेसमेंट मैप को अपने 3D सॉफ़्टवेयर में लोड करें। डिस्प्लेसमेंट मैप को एक मटीरियल असाइन करें और चटपट रेंडर करके पता करें कि डिस्प्लेसमेंट मैप कैसा दिखेगा। यह फ़ाइनल लुक नहीं होगा, लेकिन आगे बढ़ने से पहले आपको एक जेनरल आइडिया मिल जाएगा।
मनचाहे नतीजे पाने के लिए सेटिंग्स एडजस्ट करें।
- डिस्प्लेसमेंट स्ट्रेंथ या हाइट। इससे तय होता है कि डिस्प्लेसमेंट का इफ़ेक्ट किस हद तक साफ़-साफ़ निगाह में आएगा।
- सबडिवीज़न लेवल्स। अगर आपका सॉफ़्टवेयर सबडिवीज़न की इजाज़त देता है, तो इस फ़ीचर का इस्तेमाल करके उन जगहों का मेश रिफ़ाइन करें, जहाँ ज़्यादा बारीकियाँ डाली जानी हैं।
- स्मूदिंग। पहले के मुकाबले बहुत ज़्यादा अलग लगने ट्रांज़िशन्स को स्मूदिंग ऑपशन्स का इस्तेमाल करके रोकें। इन ऑप्शन्स की मदद से डिसप्लेसमेंट बिना किसी रुकावट के मॉडल के साथ घुलमिल जाता है।
उदाहरण और यूज़ केसेज़।
डिस्प्लेसमेंट मैपिंग एक दमदार टेकनीक है जिसे कई तरह के कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह टेकनीक कई इंडस्ट्रीज़ में इस्तेमाल होती है।
आर्किटेक्चरल विज़ुअलाइज़ेशन।
आर्किटेक्ट्स अपने मॉडल्स में मौजूद ईंट की दीवारों, पथरीले रास्तों, और छत की टाइल्स में टेक्सचर्स डालने के लिए डिस्प्लेसमेंट मैपिंग इस्तेमाल करते हैं।
कैरेक्टर मॉडलिंग।
मूवी एनिमेटर्स और आर्टिस्ट्स किसी कैरेक्टर के चेहरे पर महीन लाइन्स, झुर्रियाँ, घाव के निशान, और छेद जोड़ने के लिए डिस्प्लेसमेंट मैपिंग का इस्तेमाल करते हैं। यह टेकनीक रियलिस्टिक कपड़े, कवच, या जीवों की खाल बनाने के लिए भी बढ़िया होती है।
गेम डिज़ाइन।
वीडियो गेम डिज़ाइनर्स डिस्प्लेसमेंट मैपिंग का इस्तेमाल करके पहाड़ों, घाटियों, और गड्ढों वाले इमर्सिव 3D एनवायरमेंट्स बनाते हैं। वे इमर्सिव डिजिटल एक्सपीरियंसेज़ बनाने के लिए पेड़ों की छालों, पथरीले रास्तों, और हथियारों वगैरह को जानदार बना देते हैं।
काम की बातें और सबसे अच्छे तौर-तरीके।
- कन्सिस्टेंट लाइटिंग बनाए रखें। पक्का करें कि लाइटिंग डिस्प्लेसमेंट मैप पर यूनिफ़ॉर्म ढंग से टकराए। शैडोज़ और हाइलाइट्स डिस्प्लेसमेंट में गड़बड़ियाँ पैदा कर सकते हैं, इसलिए डिज़ाइन को फ़ाइनलाइज़ करने से पहले लाइटिंग को अच्छी तरह से जाँच लें।
- हाई रिज़ॉल्यूशन रखें। आपके डिस्प्लेसमेंट मैप में जितनी बारीकियाँ होंगी, रिज़ल्ट्स भी उतने ही बेहतर होंगे। लेकिन इस यूज़ केस पर गौर करें, हाई-रिज़ॉल्यूशन मॉडल्स के रिज़ॉल्यूशन्स ज़रूरत से ज़्यादा हो सकते हैं या कभी-कभी उनके लोड होने में काफ़ी समय लग सकता है।
- पॉलीगन की डेन्सिटी याद करें। डिस्प्लेसमेंट जियॉमेट्री में फ़िज़िकल रूप से बदलाव कर देता है। अगर मॉडल में ज़रूरत के हिसाब से पॉलीगन्स मौजूद नहीं हैं, तो रिज़ल्ट ब्लॉक्स के जैसा या बिगड़ा हुआ दिखेगा।
रियलिज़्म बढ़ाएँ: Adobe Substance की डिस्प्लेसमेंट मैपिंग का इस्तेमाल।
डिस्प्लेसमेंट मैपिंग एक ऐसी टेक्नीक है, जिसे ज़रूर आज़माकर देखना चाहिए। यह 3D मॉडल्स में गहन बारीकियाँ और गहराई जोड़कर उन्हें जानदार बना देती है। Adobe Substance 3D जैसे टूल्स डिस्प्लेसमेंट मैप्स को आसान बना देते हैं, इसलिए आपको बस अपने मन की उड़ान बंद नहीं करनी है। चाहे यूज़र ने अभी-अभी शुरुआत की हो या वे इस काम में माहिर हों, Substance 3D का आसान इंटरफ़ेस सटीक ढंग से हाई-क्वालिटी वाले डिस्प्लेसमेंट मैप्स बनाना मुमकिन कर देता है।
अपनी डिज़ाइन्स में जान डालें। Adobe Substance 3D में डिस्प्लेसमेंट मैपिंग की ताकत का इस्तेमाल करें।