Substance 3D की मदद से 3D प्रॉडक्ट डिज़ाइन और मॉडलिंग।

आज के समय में एनालॉग डिज़ाइन टूल्स बस बीते हुए दौर की याद दिलाने वाली नायाब चीज़ों में तब्दील हो चुके हैं। इन दिनों लगभग हर चीज़ डिजिटल डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके बनाई जाती है।

3D render of several falling smartphones with different cases
फिर भी रियलिस्टिक टेक्सचरिंग और डिजिटल विज़ुअलाइज़ेशन लंबे समय से प्रॉसेस की कमज़ोर कड़ी बने हुए हैं। आज भी असल फ़ोटो की तरह दिखने वाले डिज़ाइन का कॉन्सेप्ट सोचना, इंडस्ट्रियल डिज़ाइनर के लिए एक चुनौती भरा काम है और इसमें काफ़ी समय लगता है।

प्रॉडक्ट डिज़ाइन के लिए 3D सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल क्यों करें

प्रोडक्शन की प्रोसेस में आगे जब किसी डिज़ाइन को दोबारा बनाया जाता है उस दौरान सटीक विज़ुअलाइज़ेशन करने से, डिज़ाइन को असल फ़ोटो की तरह रखने में मदद मिलती है। जिन डिज़ाइन एलिमेंट को काफ़ी अहमियत देकर बनाया जाता है वे डिजिटल डिज़ाइनर और 3D कलाकारों की उम्मीद के मुताबिक नहीं होते। इसलिए, उन्हें नए सिरे से ये एलिमेंट डिज़ाइन करने पड़ते हैं। इसलिए, सटीक डिजिटल विज़ुअलाइज़ेशन करने पर, डिज़ाइन की फ़ाइनल क्वालिटी और प्रॉडक्ट डिज़ाइन के शुरुआती विज़न को फ़ॉलो करने में फ़ायदा मिलता है।

साथ ही, 3D पर आधारित वर्कफ़्लो किसी डिज़ाइन को दोबारा बनाने और प्रोटोटाइप तैयार करने में होने वाले खर्चे को काफ़ी कम कर सकता है। 3D से ये चरण जल्द पूरे हो पाते हैं। रिच मटीरियल्स और ऊँचे दर्ज़े वाली 3D रेंडरिंग का इस्तेमाल करके डिज़ाइनर्स बिलकुल सही-सही विज़ुअलाइज़ कर सकते हैं कि प्रॉडक्ट दिखने में कैसा लगेगा, उसे पूरी प्रॉसेस के शुरुआती पड़ावों में ही इन-कॉन्टेक्स्ट देख सकते हैं, और बेफ़िक्र होकर डिज़ाइन की नई-नई कॉपीज़ बना सकते हैं।

जब सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए 3D में किसी डिज़ाइन प्रॉजेक्ट रिव्यू कर पाना मुमकिन हो, तो प्रोटोटाइप्स बनाने और उन्हें कई जगहों पर भेजने में अभी तक आम तौर होते आ रहे खर्चों और उसमें लगने वाले समय से बचा जा सकता है। फ़िजिकल प्रोटोटाइप की ज़रूरत पड़ने पर, वर्चुअल फ़ोटोग्राफ़ी और 3D प्रिंटिंग का साथ में इस्तेमाल करके वर्चुअल डिज़ाइन जैसा फ़िज़िकल डिज़ाइन बनाया जा सकता है। इस वजह से, तेज़ी और आसानी से क्रिएटिव डिज़ाइन को दोबारा बनाया जा सकता है।

डिज़ाइन करते समय, बेहतर इंटरनल कम्यूनिकेशन होने से काफ़ी मदद मिलती है। डिज़ाइन प्रोसेस के अहम फ़ेज़ के दौरान, कोई कॉन्सेप्ट तैयार करने के लिए दमदार और आसान टूल न होने से पूरा प्रोजेक्ट बर्बाद हो सकता है। किसी डिज़ाइन कॉन्सेप्ट का इलस्ट्रेशन जितना सटीक और असल दुनिया से मिलता-जुलता होगा उतनी आसानी से प्रोजेक्ट के पार्टनर, प्रॉडक्ट पर सही काम कर पाएँगे। फिर चाहे वे इंजीनियरिंग, मार्केटिंग या सेल्स के फ़ील्ड से हों।

3D पर आधारित वर्कफ़्लो की स्पीड और इसमें खर्चे की बचत होने से, डिज़ाइन फ़ेज़ के बाद भी मदद मिलती है। इस तरह की प्रोसेस, बिल्कुल असल दुनिया से मेल खाने वाले मार्केटिंग विज़ुअल बनाने के लिए सबसे सही है। इसका इस्तेमाल, फ़ाइनल प्रॉडक्ट डिज़ाइन स्वीकार होने के तुरंत बाद और प्रोडक्शन टूल के लॉन्च होने के साथ-साथ किया जा सकता है। अब फ़िज़िकल प्रोटोटाइप का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं पड़ती। इस वजह से, प्रॉडक्ट की मार्केटिंग के लिए हफ़्तों और महीनों के हिसाब से समय बचता है।

3D मॉडल का इस्तेमाल, सिर्फ़ क्रिएटिव मार्केटिंग इमेज बनाने तक सीमित नही हैं। ई-कॉमर्स प्लैटफ़ॉर्म को बड़ी संख्या में विज़ुअल की ज़रूरत पड़ती है — कभी-कभी उन्हें प्रॉडक्ट की मैन्युफ़ैक्चरिंग शुरू होने से पहले ही इसकी ज़रूरत होती है। अच्छी बात यह है कि 3D पर आधारित वर्कफ़्लो से आम तौर पर, कई जगह इस्तेमाल होने वाली एसेट मिलती हैं। उदाहरण के लिए, प्रॉडक्ट डिज़ाइन दोबारा बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए किसी मॉडल को, 360-डिग्री व्यू या इंटरैक्टिव ऑगमेंटेड रिएलिटी (AR) सेट अप तैयार करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

Adobe Substance 3D के टूल सेट का इस्तेमाल करके, अलग-अलग फ़ील्ड और इंडस्ट्री के प्रॉडक्ट डिज़ाइनर अपना डिज़ाइन वर्कफ़्लो आसान बना पाते हैं। साथ ही, वे प्रॉडक्ट विज़ुअलाइज़ेशन को असल दुनिया से बेहद मिलता-जुलता बनाकर और बारीकियों के साथ नए लेवल पर ले जा पाते हैं।

डिजिटल मटीरियल के साथ काम करने के पहले चरण।

first step

“हम [Substance 3D Sampler] जैसे सॉफ़्टवेयर का काफ़ी समय से इंतज़ार कर रहे थे।…[Substance 3D Sampler] और Material Exchange जैसे टूल का इस्तेमाल करने पर, सप्लायर के पास वे संसाधन होंगे जो बेहतरीन डिजिटल काम की शुरुआत करने के लिए ज़रूरी हैं।”

— क्रिस हिलियर, DECKERS

Substance 3D के टूल्स का इस्तेमाल करके टेक्सचरिंग से जुड़ी आपकी सभी ज़रूरतें पूरी की जा सकती हैं। अच्छा क्वालिटी वाले मटीरियल्स को Substance 3D Designer में बिलकुल नए सिरे से बनाया जा सकता है। आपके पास, 8K रिज़ॉल्यूशन तक के टाइल किए जा सकने वाले मटीरियल बनाने का विकल्प है। साथ ही, ज़रूरत के हिसाब से प्रीसेट बनाए जा सकते हैं और उन्हें Painter या किसी दूसरे अहम 3D टूल में एक्सपोर्ट किया जा सकता है।

इसके अलावा, किसी भी सचमुच के मटीरियल का Substance 3D Sampler के ज़रिए 3D मॉडल तैयार किया जा सकता है। Sampler में रेफ़रंस फ़ोटो इंपोर्ट करें। इसके बाद, यह कुछ ही सेकंड में उस फ़ोटो से मिलता-जुलता 3D मटीरियल बना देगा। इन मटीरियल को ऐसे ही इस्तेमाल किया जा सकता है या इनमें बदलाव किए जा सकते हैं — उदाहरण के लिए, मटीरियल का रंग या रिफ़्लेक्टिवनेस बदली जा सकती है। इसके अलावा, उसमें पैटर्न या लोगो जैसी नई चीज़ें जोड़ी जा सकती हैं।

साथ ही, Adobe Illustrator या Photoshop जैसे ऐप्लिकेशन में बनाई गई 2D एसेट को Substance 3D के टूलसेट में इंपोर्ट करना आसान है। इसकी मदद से, 3D डिज़ाइन में अपने 2D डिज़ाइन को एलिमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

अगर आपको मौजूदा रिसोर्सेज़ की मदद लेकर काम करना पसंद है, तो ज़रूरत के हिसाब से 3D मटीरियल्स इम्पोर्ट किए जा सकते हैं, चाहे उन्हें थर्ड-पार्टी सोर्सेज़ से लेकर आना हो या Substance 3D की एसेट लाइब्रेरी से। Substance लाइब्रेरी में इस्तेमाल के लिए तैयार हज़ारों 3D मॉडल्स, अच्छी क्वालिटी के कस्टमाइज़ किए जा सकने वाले मटीरियल्स, लाइट्स, एटलसेज़, और डीकाल्स मौजूद हैं। हम सबसे ज़्यादा प्रेरणा देने वाली कुछ एसेट को हाइलाइट करने के लिए लगातार कॉन्टेंट तैयार करते रहते हैं।

टेक्स्चर बनाने और 3D मॉडलिंग को बारीकी से ब्लेंड करना।

Blending the edges

बारीकियों से पता चलता है कि कोई चीज़ असली है या नहीं। इसी वजह से इंडस्ट्रियल डिज़ाइनर के लिए, असल फ़ोटो के जैसा विज़ुअलाइज़ेशन करना काफ़ी अहम होता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई लेदर असल लेदर की तरह नहीं दिखता है, तो उसे देखकर क्लाइंट के मन में प्रॉडक्ट बनाने में हुए काम के लिए वह भावना नहीं बनेगी जो आपको चाहिए। इसमें कोई दिलचस्पी नहीं होगी।

यह बात ऑब्जेक्ट में इस्तेमाल हुई हर चीज़ पर लागू होती है। छोटी से छोटी बारीकियाँ — जैसे, आइकॉन की पोज़िशन या इसे प्रिंट किया गया है, धँसा हुआ है या उभरा हुआ है — ये बातें, प्रॉडक्ट डिज़ाइन में काफ़ी अहमियत रखती हैं। इनकी भी उतनी ही अहमियत है जितनी डिज़ाइन की बुनियादी चीज़ों की होती है। जैसे, किसी चीज़ के ग्रिप पैटर्न की वजह से, क्या कोई उपयोगकर्ता उसे पकड़कर रखेगा।

“Substance ने Shopify के मॉडलिंग वर्कफ़्लो को ऑप्टिमाइज़ करने में मदद की है। इससे हमारे कई घंटे बचते हैं, ताकि हम व्यापारियों/कंपनियों से जुड़ी ज़रूरी समस्याओं पर ध्यान दे पाएँ”

— बाइरन डेलगाडो, SHOPIFY

इस फ़ील्ड में Substance 3D का टूलसेट काफ़ी मददगार साबित होता है। 2D और 3D वर्कफ़्लो को एक साथ लेकर आने की इसकी सुविधा से यह मुमकिन हो पाता है। Illustrator और Photoshop जैसे ऐप्लिकेशन्स में 2D डिज़ाइन्स बनाकर चटपट VR में उनके प्रोटोटाइप्स गढ़े जा सकते हैं। ऐसा Substance 3D Modeler की वजह से मुमकिन हो पाता है। 2D में बनाए गए पैटर्न्स, लोगोज़, टेक्स्ट, या किन्हीं और विज़ुअल कॉम्पोनेन्ट्स को भी Substance 3D के वर्कफ़्लो में इम्पोर्ट किया जा सकता है। Substance 3D Painter में अपनी ओवरऑल प्रॉडक्ट डिज़ाइन में इन 2D क्रिएशन्स को जोड़ना आसान होता है। एसेट में टेक्स्चर देते समय, इफ़ेक्ट बनाए जा सकते हैं, डिज़ाइन जोड़े जा सकते हैं, लोगो लगाए जा सकते हैं, और ऐसे कई और काम हो सकते हैं। Painter के रीयल-टाइम व्यूपोर्ट की मदद से, हर ऐंगल से प्रॉडक्ट को देखा जा सकता है। इससे काम आसान और तेज़ हो जाता है।

3D प्रॉडक्ट प्रपोज़ल्स, रिव्यूज़, और अप्रूवल्स का आपस में तालमेल बैठाएँ।

Streamline proposals

3D को ध्यान में रखकर बनाए गए वर्कफ़्लो में डिज़ाइन ऑपशन्स को टेस्ट करते समय उनमें अनगिनत बार बदलाव करके अलग-अलग वैरिएशन्स को टेस्ट किया जा सकता है।

डिज़ाइन के दूसरे पारंपरिक तरीकों के मुकाबले, प्रॉडक्ट की एक पूरी रेंज पेश करना आसान है और यह काम तेज़ी से किया जा सकता है। प्रॉडक्ट को पैरामीटर के हिसाब से बने मटीरियल के साथ टेक्स्चर दिया जा सकता है। इन मटीरियल में थोड़ा सा बदलाव करके, सीएमएफ़ डिज़ाइन के जितने चाहे उतने वैरिएंट बनाए जा सकते हैं। Substance 3D Stager की मदद से, अच्छी क्वालिटी में विज़ुअलाइज़ेशन करने के अलावा आसानी से सीन बनाए जा सकते हैं। इससे डिज़ाइनर सटीक तरीके से देख पाते हैं कि उनका प्रॉडक्ट किसी जगह पर कैसा दिखेगा। इसके बाद डिज़ाइनर्स Stager और इसके साथ-साथ Photoshop या Illustrator की मदद से, अपनी पसंद के कलर्स और डिज़ाइन्स पर और ज़्यादा इटिरेशन्स कर सकते हैं।

“मुझे पहले टेक्स्चर बनाना पसंद नहीं था, लेकिन Substance के आने के बाद ऐसा नहीं है। प्रॉडक्ट के वैरिएंट तुरंत बनाए जा सकते हैं। यह इंटरैक्टिव है — प्रोजेक्ट मैनेज करना भी आसान है।”

— पीटर कोलस, फ़्रीलांस आर्टिस्ट

प्रॉडक्ट के प्रस्ताव, समीक्षा के लिए प्रोजेक्ट के सभी स्टेकहोल्डर के साथ शेयर किए जा सकते हैं। इसमें, प्रोटोटाइप के लिए किसी और संसाधन की ज़रूरत नहीं पड़ती और फ़िजिकल शिपिंग की वजह से होने वाली देरी से भी बचा जा सकता है। सटीक और अच्छी क्वालिटी में विज़ुअलाइज़ेशन, दोबारा प्रॉडक्ट बनाने, और पुष्टि करने की प्रोसेस, डिज़ाइन के परंपरागत तरीकों के मुकाबले ज़्यादा जल्दी की जा सकती हैं।

पुष्टि करने की प्रोसेस में, मदद करने के लिए कई और सुविधाएँ मिलती हैं। बनाई गई कोई फ़ाइल, कई तरह के फ़ॉर्मैट में एक्सपोर्ट की जा सकती है। स्टेकहोल्डर पेश किए गए प्रॉडक्ट को इंटरैक्टिव ऑनलाइन कॉन्टेंट, इंटरैक्टिव अनुभव या असल दुनिया की तरह 3D में डिज़ाइन की समीक्षा के तौर पर देख सकते हैं। प्रपोज़ल्स को "असल ज़िंदगी" में रिव्यू के लिए 3D में प्रिंट भी किया जा सकता है, या Adobe Aero जैसे ऑगमेंटेड रियालिटी टूल्स की मदद से उन्हें उनसे जुड़ी बाकी चीज़ों के साथ देखा जा सकता है।

अपने प्रॉडक्ट डिज़ाइन वर्कफ़्लो में इस्तेमाल में आसान।

product design workflow

Substance 3D टूलसेट के अलग-अलग टूल्स के बीच एसेट्स को आसानी से ट्रांसफ़र करके इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही, इसे सभी अहम 3D टूल्स के साथ इंटीग्रेट किया जा सकता है। Substance 3D प्लगइन्स की मदद से Substance मटीरियल्स को सीधे 3ds Max, Maya, Rhino, Cinema 4D, और Modo जैसे मॉडलिंग टूल्स के अंदर इम्पोर्ट, एडिट, और विज़ुअलाइज़ किया जा सकता है। इसी तरह, V-Ray या Corona जैसे किसी 3D रेंडरिंग इंजन में इन मटीरियल को सीधे विज़ुअलाइज़ किया जा सकता है। Unreal Engine या Unity जैसे अहम गेम इंजन में भी Substance 3D के मटीरियल इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

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