पैरालैक्स मैपिंग क्या होती है?
पैरालैक्स मैपिंग एक ऐसी टेक्नीक है जो कंप्यूटर से जेनरेट किए गए ग्राफ़िक्स के लिए टेक्स्चर्ड सर्फ़ेसेज़ में गहराई और बारीकियाँ जोड़ती है।
किसी 3D मॉडल में एक्सट्रा पॉलीगन्स डाले बिना ही सर्फ़ेस की बारीकियों का भ्रम तैयार करने के लिए पैरालैक्स मैपिंग एक जाना-माना टूल है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से टेक्सचर्स को अलग-अलग ऐंगल्स से देखे जाने पर उनकी कमियों, जैसे कि उभरे और पिचके हुए हिस्सों के बारे में पता चल जाता है।
पैरालैक्स मैपिंग 101.
पैरालैक्स मैप क्या होता है?
पैरालैक्स मैप एक किस्म का टेक्सचर है जो टोपोग्राफ़िक मैप की तरह ही किसी सर्फ़ेस की बारीकियों की गहराई या ऊँचाई के बारे में बताता है।
उदाहरण के लिए, किसी ईंट की दीवार के 3D ग्राफ़िक को देखते समय बिना स्पेशल इफ़ेक्ट्स के वह दीवार सपाट दिखती है। लेकिन पैरालैक्स मैपिंग सपाट इमेज में रिसेस्ड ग्राउट लाइन्स डालकर ईंट की दीवार को दिखने में ज़्यादा रियलिस्टिक बनाती है। यह टेक्नोलॉजी टेक्सचर्स को 2D स्पेस में 3D के जैसा दिखाने के लिए उन टेक्सचर्स में हेरफेर करके आँखों को "चकमा" देती है।
यह टेक्नोलॉजी कई चीज़ों में काम आती है, जिनमें शामिल हैं:
- वीडियो गेम्स
- फ़िल्म्स और एनिमेशन
- वर्चुअल रियालिटी और ऑगमेंटेड रियालिटी
- वेब डिज़ाइन
गहराई के परसेप्शन के बारे में बुनियादी बातें।
दिखने वाली जानकारी पर काम करने व गहराई का अंदाज़ा लगाने के लिए आपकी आँखें व दिमाग साथ मिलकर काम करते हैं। आपका दिमाग बाइनॉक्यूलर क्यूज़ की मदद से गहराई का पता लगाता है। ये क्यूज़ एक कोहेसिव इमेज बनाने के लिए दोनों आँखों की इमेजेज़ को आपस में कम्पेयर करके देखते हैं। इससे आपको गहराई का अंदाज़ा लगाने में मदद मिलती है।
लेकिन हम मोनोक्यूलर क्यूज़ की बदौलत केवल एक आँख से भी गहराई का अंदाज़ा लगा सकते हैं। पर्सपेक्टिव, शैडो, रेलेटिव साइज़, और टेक्सचर ग्रेडियंट्स आपके दिमाग को गहराई के बारे में अहम जानकारी देते हैं।
गहराई का अंदाज़ा लगाने के लिए इंसान का दिमाग जो तरीका इस्तेमाल करता है, उसी की वजह से पैरालैक्स मैपिंग काम करती है। जैसे-जैसे कोई शख्स चलता जाता है, उसके लिए दूर वाली चीज़ों के मुकाबले पास वाली चीज़ें ज़्यादा शिफ़्ट होती हुई नज़र आती हैं। आपके ऐंगल के हिसाब से ऑब्जेक्ट टेक्सचर में बदलाव करने के लिए पैरालैक्स मैपिंग इसी प्रिंसिपल का इस्तेमाल करके आपके दिमाग की उम्मीद के हिसाब से गहराई को स्टिम्युलेट करती है।
उदाहरण के लिए, कार में सवारी करते समय आसपास के पेड़ तेज़ी से पीछे छूट जाते हैं, जबकि दूर वाले पहाड़ धीरे-धीरे चलते हैं। चाल में यह फ़र्क की वजह से ही हमें गहराई का एहसास होता है। पैरालैक्स मैपिंग इस एक्सपीरियंस की नकल करते हुए नज़दीक वाली बारीकियों को थोड़ा ज़्यादा मूव करती है, जिससे सपाट सतह पर गहराई का भ्रम पैदा होता है।
पैरालैक्स टेक्सचर्स।
पैरालैक्स टेक्सचर्स को हाइट या डिस्प्लेसमेंट मैप्स के नाम से भी जाना जाता है। ये ग्रेस्केल इमेजेज़ होती हैं, जिनमें ग्रे शेड्स सर्फ़ेस वाली बारीकियों की ऊँचाई को दर्शाते हैं। हल्का शेड उभरे हुए हिस्सों के लिए होता है, जबकि गहरे शेड्स निचले हिस्सों को दर्शाते हैं।
ये टेक्सचर्स सपाट सतहों में एक्सट्रा पॉलीगन्स जोड़े बिना ही उनमें गहराई डालना मुमकिन बनाते हैं। इससे विज़ुअल्स स्पीड या लोड टाइम्स में बिना कोई कटौती किए ज़्यादा असली नज़र आते हैं।
देखने वाले के ऐंगल के आधार पर टेक्सचर के हर हिस्से में आने वाला बदलाव तय करने के लिए पैरालैक्स मैपिंग टेक्सचर्स का इस्तेमाल करती है। ज़्यादा असली लगने वाली इमेज बनाने के लिए मैप का एल्गॉरिदम पैरालैक्स टेक्सचर की ग्रेस्केल वैल्यूज़ को इंटरप्रेट करता है।
पैरालैक्स टेक्सचर्स बनाना।
पैरालैक्स टेक्सचर जेनरेट करने के लिए:
- एक बेस इमेज से शुरुआत करें। आपको जिस सर्फ़ेस की नकल बनानी है, जैसे कि ईंटें, टाइल्स, या पत्थर, यह उसकी एक सपाट टेक्सचर इमेज होती है।
- हाइट का पता लगाएँ। सोच कर देखें कि टेक्सचर के किन हिस्सों को उभारा जाना चाहिए और किन हिस्सों में खाली जगहें होनी चाहिए।
- इसे ग्रे-स्केल में रखें। हिस्सों को ग्रे के शेड्स से पेंट करने के लिए एक ग्राफ़िक्स एडिटर का इस्तेमाल करें। उभरे हुए हिस्सों को हल्के शेड्स से और निचले हिस्सों को गहरे शेड्स से पेंट करें।
- डिज़ाइन को रिफ़ाइन करें। सभी हिस्सों के बीच आसान ट्रांज़िशन्स बनाने के लिए टेक्सचर को ब्लर और कॉन्ट्रास्ट करें।
यह काम भी आपको मैन्युअल रूप से करने की ज़रूरत नहीं है। ग्रेस्केल इमेजेज़ बनाने व रिफ़ाइन करने के लिए Adobe Photoshop में टूल्स मौजूद होते हैं। कुछ ही क्लिक्स में पैरालैक्स टेक्स्चर्स बनाने के लिए Adobe Substance 3D एक और एडवांस्ड टूल है।
पैरालैक्स मैपिंग की टेक्नीक्स।
पैरालैक्स मैपिंग कैसे काम करती है।
पैरालैक्स मैपिंग कई प्रिंसिपल्स के आधार पर काम करती है:
- टेक्सचर ऑफ़सेट। पैरालैक्स मैपिंग टेक्सचर कोऑर्डिनेट्स को ऑफ़सेट करके काम करती है। गहराई का भ्रम पैदा करने के लिए यह देखने वाले के पर्सपेक्टिव के आधार पर जहाँ पर टेक्सचर सैंपल्स होते हैं वहाँ शिफ़्ट हो जाती है।
- हाइट और डिस्प्लेसमेंट मैप्स। टेक्सचर ऑफ़सेट की डिग्री तय करने के लिए पैरालैक्स मैपिंग ग्रेस्केल मैप का इस्तेमाल करती है।
- देखे जाने का ऐंगल। सर्फ़ेस को जिस ऐंगल से देखा जा रहा है उसके आधार पर पैरालैक्स मैपिंग इफ़ेक्ट बदल जाता है। जैसे-जैसे ऐंगल बदलता है, उसी हिसाब से ऑफ़सेट 3D सर्फ़ेस को सिम्युलेट करने के लिए एडजस्ट हो जाता है।
मान लें कि आपकी आँखें कोई खुली हुई किताब देख रही हैं। हर पेज टेक्सचर में गहराई की एक लेयर को दर्शाता है। किताब को नीचे की ओर सीधे 90-डिग्री के ऐंगल से देखने पर आपको हर पेज साफ़-साफ़ दिखाई देगा। लेकिन किताब को तिरछा कर देने पर आपके करीब वाले पेजेज़ दूर वाले पेजेज़ को ढँक लेंगे। पैरालैक्स मैपिंग इस इफ़ेक्ट को 2D टेक्स्चर्स पर सिम्युलेट करती है, जिसमें हाइट मैप का इस्तेमाल करके तय किया जाता है कि कौन से टेक्स्चर्स आपके पास हैं और कौन से दूर हैं।
पैरालैक्स मैपिंग के एक-एक स्टेप की सिलसिलेवार जानकारी देने वाली गाइड।
पैरालैक्स मैपिंग एक एड्वान्स्ड टेक्नीक है, लेकिन Substance 3D जैसे टूल्स इसे आसान बना देते हैं। अगर आपने अभी-अभी शुरुआत की है, तो इस्तेमाल शुरू करने के लिए इन सुझावों पर अमल करें:
- किसी टेक्सचर के साथ शुरुआत करें। यह कोई ईंट की दीवार, पथरीला रास्ता, या टाइल फ़र्श हो सकता है।
- हाइट मैप बनाएँ। टेक्सचर को ग्रेस्केल में बदलने के लिए Photoshop जैसा कोई सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल करें।
- कोई ग्राफ़िक्स इंजन इस्तेमाल करें। Unity जैसे ज़्यादातर ग्राफ़िक्स इंजन में पैरालैक्स मैपिंग काम करती है। अपना मेन टेक्सचर और हाइट मैप इंपोर्ट करें।
- पैरालैक्स मैपिंग शेडर अप्लाई करें। अपने टेक्सचर में पैरालैक्स मैपिंग जोड़ने और इसे अपने हाइट मैप से लिंक करने के लिए शेडर या मटीरियल्स असाइन करें।
- पैरामीटर्स एडजस्ट करें। गहराई का मनमुताबिक भ्रम हासिल करने के लिए पैरालैक्स मैपिंग की इंटेंसिटी घटाएँ या बढ़ाएँ।
- अलग-अलग ऐंगल्स से देखें। अपने कैमरे को इधर-उधर घुमाएँ और देखें कि ऐंगल बदलने पर टेक्सचर कैसे एडजस्ट होता है।
इस्तेमाल शुरू करने के लिए ये कुछ चटपट सुझाव हैं, लेकिन पैरालैक्स मैपिंग को खुद से भी आज़माकर देखने से डरें नहीं।
पैरालैक्स मैपिंग के फ़ायदे।
पैरालैक्स मैपिंग के कई फ़ायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बेहतर रियलिज़्म। असल दुनिया के यूज़र एक्सपीरियंसेज़ सिम्युलेट करने के लिए पैरालैक्स मैपिंग इमेजेज़ को और ज़्यादा टैक्टाइल लुक देता है।
- इमोशनल इमर्शन। रियलिज़्म बेहतर होने पर गेम्स और एनिमेशन्स के लिए स्टोरीटेलिंग पर असर पड़ता है और स्टोरीज़ सच्चाई के ज़्यादा करीब लगती हैं।
- ज़्यादा कारगर व असरदार परफ़ॉर्मेंस। पैरालैक्स मैपिंग गहराई बढ़ाने के लिए ज़्यादा पॉलीगन्स जोड़ने की जगह टेक्सचर्स में हेरफेर करती है। यह कहीं ज़्यादा तेज़ी से रेंडर करती है, जो वीडियो गेम्स जैसे रियल-टाइम ऐप्लिकेशन्स के लिए मददगार होता है।
असल ज़िंदगी के फ़ायदे।
पैरालैक्स मैपिंग कई तरह की चीज़ों में फ़ायदेमंद होती है, जैसे:
- वर्चुअल रियलिटी सहित वीडियो गेम्स
- आर्किटेक्चरल मॉडल्स
- मैन्युफ़ैक्चरर्स और रिटेलर्स के लिए प्रॉडक्ट का विज़ुअलाइज़ेशन
सपाट से 3D तक: Substance 3D में पैरालैक्स मैपिंग।
वीडियो गेम्स हों या वेब डिज़ाइन, पैरालैक्स मैपिंग ने हर चीज़ को एक नए मुकाम पर पहुँचा दिया है। यह टेक्नोलॉजी डिज़ाइन्स में जान डाल देती है और सपाट 2D इमेजेज़ में कहीं ज़्यादा बारीकियाँ जोड़ देती है।
पैरालैक्स मैपिंग के दमखम को देखने का सबसे अच्छा तरीका है इसे खुद की डिज़ाइन्स में आज़माकर देखना। स्क्रीन पर जंप करने वाली शानदार और पेचीदा ग्राफ़िक्स बनाने के लिए Adobe Substance 3D आज़माएँ।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बम्प और पैरालैक्स मैपिंग एक-दूसरे से अलग कैसे हैं?
दोनों टेकनीक्स एक्सट्रा जियॉमेट्री जोड़े बिना ही सर्फ़ेस की गहराई को सिम्युलेट करती हैं। लेकिन बम्प मैपिंग लाइट रिफ़लेक्ट होने के तरीके पर असर डालने वाले टेक्सचर के उतार-चढ़ाव को सिम्युलेट करने के लिए ग्रेस्केल बम्प मैप्स का इस्तेमाल करती है। बम्प मैपिंग को किसी ऐंगल से देखे जाने पर यह सपाट नज़र आती है।
पैरालैक्स मैपिंग देखने वाले के पर्सपेक्टिव के मुताबिक टेक्सचर कोऑर्डिनेट्स को ऑफ़सेट करके बम्प मैपिंग से एक कदम आगे जाती है। यह टेक्सचर्स को और ज़्यादा गहराई देती है।