क्रिएटिव जेनरेटिव AI
जेनरेटिव AI की वजह से क्रिएटिव काम करने के तौर-तरीके बदल रहे हैं।
जेनरेटिव AI ह्यूमन इंटेलिजेंस की नकल कर सकता है, उसकी जगह नहीं ले सकता। जानें कि यह आपकी क्रिएटिविटी को एक नए मुकाम पर ले जाने में मदद कैसे कर सकता है।
जेनरेटिव AI भी आखिरकार आपके टूलबॉक्स का एक टूल ही है।
- बाकी के सभी क्रिएटिव टूल्स की तरह, जेनरेटिव AI को चलाने के लिए भी एक इंसान की ज़रूरत पड़ती है।
- बढ़िया क्वालिटी वाले जेनरेटिव AI क्रिएशन्स बनाने के लिए शुरुआत में सीखना पड़ता है।
- जेनरेटिव AI इमेजरी को पहले से चलन में मौजूद सॉफ़्टवेयर्स में एडिट किया जा सकता है (और शायद आप ऐसा करना भी चाहें)।
ध्यान दें कि AI का मतलब टर्मिनेटर या अल्ट्रॉन नहीं है।
क्रिएटिव टूल्स मेंआर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बिलकुल नई बात नहीं है। (उदाहरण के लिए, Photoshop का कॉन्टेंट-अवेयर फ़िल फ़ीचर भी एक किस्म का आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस ही है, जिसे फ़ोटो एडिटर्स अक्सर इस्तेमाल करते हैं।) जेनरेटिव AI अभी हाल-फ़िलहाल में ही सामने आई है। इसे इतना ज़्यादा डेटा इस्तेमाल करके ट्रेन किया गया है कि यह नई चीज़ें भी क्रिएट कर सकता है। सिर्फ़ टेक्स्ट आउटपुट देने वाली सर्विस ChatGPT और टेक्स्ट-टू-इमेज फ़ीचर के साथ आने वाली सर्विस Adobe Firefly, दोनों ही जेनरेटिव AI की मदद से काम करते हैं।
जेनरेटिव AI ह्यूमन इंटेलिजेंस की नकल बड़ी आसानी से कर सकता है, पर भरोसा रखें - यह दुनिया पर कब्ज़ा करने की कोशिश नहीं कर रहा है। यह भी एक टूल है जिसे काम करने के लिए किसी इंसान को ही इंस्ट्रक्शंस देने होते हैं, अक्सर किसी टेक्स्ट प्रॉम्प्ट के रूप में।
टेक्स्ट-टू-इमेज प्रॉम्प्ट: Midtown Manhattan with cherry blossoms on a rainy day.
अपने अलग अंदाज़ वाला AI आर्ट बनाएँ।
आइडियाज़ के लिए दूसरों का सहारा न लें।
टेक्स्ट प्रॉम्प्ट्स डालकर आज़माते रहें, जब तक कि आप AI से बिलकुल अलग अंदाज़ वाले रिज़ल्ट्स जेनरेट करना न सीख जाएँ।
अच्छे से सोच-समझ कर ही चुनें।
इमेज जेनरेटर्स आपके लिए ढेर सारे रिज़ल्ट्स उपलब्ध कराने में माहिर होते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि वे सभी के सभी काम के होते हैं। जब आपमें सबसे काम वाले कंपोज़िशन्स, कॉन्ट्रास्ट, और कलर कॉम्बिनेशंस को पहचानने का हुनर आ जाएगा, तो आपके लिए सबसे बढ़िया रिज़ल्ट्स को चुन पाना आसान हो जाएगा।
दूसरों की ज़रूरतों को समझें।
अगर आपका मन है कि आपका काम किसी खास इंसान की निगाह में आ सके, तो आपको कुछ तैयारियाँ करनी होंगी। उनके लिए क्या चीज़ें मायने रखती हैं? क्या आपको उनके यहाँ के रस्म-रिवाज़ मालूम है? अपनी क्रिएशन्स को ऑडियंस की निगाह से देखना शुरू करें, फिर आपका काम सबसे अलग नज़र आने लगेगा।
छोटी से छोटी बात का ख्याल रखें।
पहले से चलन में मौजूद सॉफ़्टवेयर हुनर अब बेकार नहीं हो गए हैं। जेनरेटिव AI की इमेजेज़ से काम की बस शुरुआत होती है, अंत नहीं। आपको पक्के तौर पर इनमें Photoshop या Illustrator जैसे किसी सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके कुछ बदलाव करने की ज़रूरत महसूस होगी।
AI की खूबियों का भरपूर इस्तेमाल करें।
जेनरेटिव AI ने हमें अपनी क्रिएटिविटी को नए-नए तरीकों से बाहर लाने का रास्ता दिया है। इमेज जेनरेटर्स सिर्फ़ फ़्लैट ड्रॉइंग्स ही नहीं बनाते। टेक्स्ट प्रॉम्प्ट्स से 3D रेंडरिंग्स और यहाँ तक कि वीडियोज़ भी बनाए जा सकते हैं।
आपके लिए टेक्नोलॉजी के लिए चौंकाने वाले AI आर्ट यूज़ केसेज़ सामने आ सकते हैं। माने लें कि आपको “डाँवाँडोल हाल” दर्शाने वाला एक मीम बनाना है। आपको सबसे पहले डर-डर के साइकिल चलाती हुई एक बिल्ली का ख्याल आएगा, पर आप किसी इमेज जेनरेटर में टेक्स्ट प्रॉम्प्ट डालें और देखें कि क्या रिज़ल्ट्स सामने आते हैं। अगर रिज़ल्ट्स में मिलने वाली इमेजेज़ आपकी सोची हुई थीम को सही से नहीं दर्शाती हैं, तो एक नया टेक्स्ट प्रॉम्प्ट डालें — क्या पता किसी घबराए हुए घोड़े की तस्वीर से काम बन जाए।
जेनरेटिव AI की एक सबसे अच्छी बात ये है कि आपके लिए पहले वाले ऑप्शन पर ही टिके रहना ज़रूरी नहीं है। जब तक कि आपको कुछ शेयर करने लायक या हाथ से फ़ाइनल पॉलिश देने के लिए तैयार कुछ न मिल जाए, तब तक अपने टेक्स्ट प्रॉम्प्ट में बदलाव करते रहें और AI आर्ट जेनरेटर के कंट्रोल्स में फेरबदल करते रहें।
AI की कमियों-कमज़ोरियों पर निगाह रखें।
सभी नई टेक्नोलॉजीज़ में कुछ न कुछ दिक्कतें होती हैं जिनका हल ढूँढना होता है। जेनरेटिव AI में फ़िलहाल ऐसी कुछ बड़ी-बड़ी दिक्कतें मौजूद हैं।
सभी इमेज जेनरेटर्स की डिज़ाइन्स एक जैसी नहीं होतीं, इसलिए आपको जो सर्विस इस्तेमाल करनी है उसके नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ें और पता करें कि उस सर्विस के लिए डेटा कहाँ से लिया गया है। मौजूदा Firefly जेनरेटिव AI मॉडल को ट्रेन करने के लिए Adobe Stock में मौजूद कॉन्टेंट के साथ-साथ ओपन लाइसेंस वाला कॉन्टेंट और पब्लिक डोमेन में मौजूद कॉन्टेंट (जिसके कॉपीराइट की वैलिडिटी खत्म हो चुकी है) इस्तेमाल किया गया है। Stable Diffusion जैसे अन्य जेनरेटिव AI टूल्स कई तरह के उपलब्ध सोर्सेज़ का इस्तेमाल कर सकते हैं।
किसी भी तरह के भेदभाव को लेकर आगाह रहें। अगर किसी जेनरेट होने वाली इमेज में सेक्स, रेस, जेंडर, एबिलिटी, या किसी और खासियत से जुड़ा भेदभाव नज़र आ रहा है, तो ज़्यादातर इमेज जेनरेटर्स में उस इमेज को फ़्लैग करने की सुविधा मौजूद होती है। अगर आपको किसी भी इमेज में कोई गड़बड़ नज़र आती है, तो उसे ज़रूर फ़्लैग कर दें।
जेनरेटिव AI में अभी भी काफ़ी कमियाँ-कमज़ोरियाँ मौजूद हैं, पर कुछ भी गलत दिखने पर यूज़र्स अगर आवाज़ उठाएँ तो वह टेक्नोलॉजी को आगे ले जाने में काफ़ी मददगार साबित होगा।
नए-नए बदलावों के साथ नए-नए रास्ते अपनाएँ।
हम से ज़्यादातर लोगों ने शायद कभी ऑयल पेंटिंग नहीं बनाई है या हाल-फ़िलहाल में हाथ से कोई फ़िल्म नहीं डेवलप की है। इसकी जगह, अपने आइडियाज़ को आवाज़ देने के लिए हम डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर्स या डिजिटल कैमरों के जैसी टेक्नोलॉजीज़ का रुख करते हैं। हालाँकि, बिलकुल नई-नई टेक्नोलॉजी को अच्छे से इस्तेमाल कर पाने में थोड़ा वक्त लग सकता है, पर यह कोशिश बेकार नहीं जाती।
एंटरप्राइज़ सल्यूशन्स के लिए जेनरेटिव AI ने क्रिएटिव टेक्नोलॉजी को एक नए मुकाम पर पहुँचाया है। यह टेक्स्ट प्रॉम्प्ट लिख सकने वाले हर शख्स के लिए विज़ुअल क्रिएशन की एक नई दुनिया सामने लेकर आता है और इसके अलावा, रोज़-रोज़ क्रिएटिव कामों में व्यस्त रहने वाले लोगों के लिए इससे समय की भारी बचत होती है और उन्हें अपने मन की उड़ान को नई-नई ऊँचाइयों पर ले जाने के नए-नए तरीके मिलते हैं।
इसलिए अगर आपने अभी तक जेनरेटिव AI को आज़माकर नहीं देखा है, तो जल्द ही थोड़ा वक्त निकालकर इसकी खूबियों के साथ लुत्फ़ उठाएँ।
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